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कश्ती

4.8
474

कश्ती टन टन टन.... स्कूल की लंबी घंटी बजी, स्कूल की छुट्टी हो गई थी। बच्चे अपने घरों की ओर दौड़ पड़े थे। "चल जल्दी कर चंदा देख बादल कैसे छाए हुए हैं,लगता है अभी बरस पड़ेंगे।" "चल तो रही हूं, ...

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छः चूड़ियां
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Anamika
4.9

छः चूड़ियां मालवीय नगर के मेन रोड के किनारे बने उस बड़े से कैफे में मैं कोने की टेबल पर बैठी, कॉफी सुड़क रही थी। सावन की शुरुआत हो चुकी थी।कैफे में लगे ग्लास की दीवारों से पार, मैं बाहर के ...

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Anamika
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 जुलाई 2020
    जितने भी तारीफ के शब्द होते हैं न सबने यहाँ आने से मना कर दिया ये कहकर कि इस रचना के आगे हम बहुत छोटे हैं। और मुझे कोई नया शब्द नहीं मिला..😅। निःशब्द....👌👌👌👌👏👏👏👏🙏🙏 बहुत सारी शुभकामनाएं।🙏🙏
  • author
    नेहा बिंदल
    15 जुलाई 2020
    खूबसूरत। इससे ज़्यादा क्या कहें समझ ही नहीं आ रहा। आप हमेशा ही हमें निःशब्द कर दिया करती हैं।
  • author
    Khyati
    15 जुलाई 2020
    आपकी एक और बेहतरीन रचना 👌👌 अग्रिम बधाई के साथ बहुत शुभकामनाएं अनामिका जी 🙏
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    15 जुलाई 2020
    जितने भी तारीफ के शब्द होते हैं न सबने यहाँ आने से मना कर दिया ये कहकर कि इस रचना के आगे हम बहुत छोटे हैं। और मुझे कोई नया शब्द नहीं मिला..😅। निःशब्द....👌👌👌👌👏👏👏👏🙏🙏 बहुत सारी शुभकामनाएं।🙏🙏
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    नेहा बिंदल
    15 जुलाई 2020
    खूबसूरत। इससे ज़्यादा क्या कहें समझ ही नहीं आ रहा। आप हमेशा ही हमें निःशब्द कर दिया करती हैं।
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    Khyati
    15 जुलाई 2020
    आपकी एक और बेहतरीन रचना 👌👌 अग्रिम बधाई के साथ बहुत शुभकामनाएं अनामिका जी 🙏