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कहानी --नया मेहमान (भाग-3).

4.3
296

कहानी --- नया मेहमान ( भाग -- 3 ). चरचराते हुए शब्दों को ध्वनित करते हुए दरवाजे के फाटक एक कोने में ठिठककर रह गये, मानों झुरमुट की तरह सूखे पत्ते हवा के वेग से पृथ्वी की पर्त पर आपस में भिडते ...

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प्रेम (खंडकाव्य) सर्वथा मौलिक रचना। 
मेरे द्वारा की गई प्रेम की सहज अनुभूति समायी है इसमें। सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रेम (खंडकाव्य) सर्वथा मौलिक रचना। मेरे द्वारा की गई प्रेम की सहज अनुभूति समायी है इसमें। सर्वाधिकार सुरक्षित।
Jugal Kishore tripathi
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लेखक के बारे में
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Jugal Kishore tripathi

मैं स्वभाव से कवि और लेखक दोनों ही हूँ। मेरे अंदर दोनों समान रूप में समाहित हैं। मैं जब कक्षा-7 में पढता था, तभी से कविताएँ करने लगा था। धार्मिक किताबें पढने का शौक सदा रहा है। अध्यात्म में रुचि गहरी रही है। मैंने "प्रेम" खंडकाव्य लिखा और श्री मद् भगवत् गीता का पद्यानुवाद भी किया है जो 14 नवम्बर 2021 को वारिस पब्लिकेशन नई दिल्ली से प्रकाशित हो चुकी है। इसके अलावा कई नाटक, कहानियाँ, लेख भी लिखे हैं। बाल कहानी संग्रह और बाल कविता संग्रह और गीत संग्रह भी लिखे हैं तथा एकांकी नाटक और उपन्यास वेदना भी लिखा है। प्रेम गीतकाव्य 112 छंदों में प्रेस में है। नाटक-नया मेहमान और वीर हरदौल तथा एकांकी नाटक- गुदड़ी का लाल, कृष्णावतार, तीन पग पृथ्वी प्रसिद्ध हैं। योग - ध्यान की सबको सलाह देता हूँ, यदि स्वस्थ और सुखी रहना है तो आज और यहीं जियें............

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Krishna Shukla
    30 मार्च 2020
    ग्रामीणइलाकों की समस्याओं को जीती कोमल भाव को संजोये कहानी
  • author
    viplove thakur
    05 नवम्बर 2019
    yy
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  • author
    Krishna Shukla
    30 मार्च 2020
    ग्रामीणइलाकों की समस्याओं को जीती कोमल भाव को संजोये कहानी
  • author
    viplove thakur
    05 नवम्बर 2019
    yy