शान्ति जी बालकनी में बैठी थी। बाहर झमाझाम बारिश हो रही थी। बहुत सुहाना मौसम था।तभी उनकी पौत्रवधू नायरा चाय लेकर बालकनी मे आती है। "दादी चाय और गरमा गरम पकौड़े खाइये। मैंने बनाये है अपने हाथो से।" ...
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खुशियों वाला सावन
प्रीति गोयल
4.9
रात के आठ बजे थे। केशव अपने ऑफ़िस मे बैठा कुछ जरूरी फ़ाईल निपटा रहा था। तभी उसके मोबाइल पर एक फोन आता है, " आप केशव बोल रहे है," दूसरी तरफ से अन्जानी आवाज़ सुन कर केशव चौंकते हुए बोला, " जी हाँ, बोल ...
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