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गुंडा-गुंडा

4.6
34919

वह पचास वर्ष से ऊपर था। तब भी युवकों से अधिक बलिष्ठ और दृढ़ था। चमड़े पर झुर्रियाँ नहीं पड़ी थीं। वर्षा की झड़ी में, पूस की रातों की छाया में, कड़कती हुई जेठ की धूप में, नंगे शरीर घूमने में वह सुख ...

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गुंडा-2
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जयशंकर प्रसाद
4.4

श्रावण का अन्तिम सोमवार था। राजमाता पन्ना शिवालय में बैठकर पूजन कर रही थी। दुलारी बाहर बैठी कुछ अन्य गानेवालियों के साथ भजन गा रही थी। आरती हो जाने पर, फूलों की अञ्जलि बिखेरकर पन्ना ने भक्तिभाव से ...

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जयशंकर प्रसाद
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    विपुल अग्रवाल
    08 जुलाई 2018
    कोई गुंडा ऐसा नहीं होता और अगर ऐसा कोई कर रहा है तो उसकी देश भक्ति व स्वामी भक्ति को गुंडा कहकर अपमानित मत कीजिए
  • author
    Niharika Agrawal
    02 फ़रवरी 2019
    Aise logoan ki hamesha SE hi gunda kaha gaya ye sache deshbhakt ठे
  • author
    D N Upadhyay
    23 अप्रैल 2017
    कालजयी रचना
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  • author
    विपुल अग्रवाल
    08 जुलाई 2018
    कोई गुंडा ऐसा नहीं होता और अगर ऐसा कोई कर रहा है तो उसकी देश भक्ति व स्वामी भक्ति को गुंडा कहकर अपमानित मत कीजिए
  • author
    Niharika Agrawal
    02 फ़रवरी 2019
    Aise logoan ki hamesha SE hi gunda kaha gaya ye sache deshbhakt ठे
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    D N Upadhyay
    23 अप्रैल 2017
    कालजयी रचना