यष्टि ने धीरे से आगे बढ़ते हुए श्रेया का नन्हा हाथ अपने हाथ में लिया, मुस्कराते हुए बोली, "Hello बेटा... पहचाना मुझे? मैं वही हूँ टैक्सी वाली आंटी।" श्रेया की नज़रें यष्टि पर टिकी रहीं, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। उसका चेहरा भावहीन था, जैसे कुछ महसूस तो कर रही हो, पर कह न पा रही हो। यष्टि थोड़ी परेशान हुई, लेकिन उसने चेहरे पर वो बेचैनी नहीं आने दी। उसके मन में सवालों का तूफान चल रहा था, "क्यों इतनी खामोश है ये बच्ची? क्या इसके पापा ठीक से ख्याल नहीं रखते इसका ? लेकिन... जिस तरह कल इंटरव्यू में ...
रिपोर्ट की समस्या
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