“ हे , तीखी मिर्ची उठो न? तुम्हें कुछ नहीं होगा , सुन रही हो? होश में आओ।” आदित्य लगातार आरोही को होश में लाने की कोशिश करता है लेकिन आरोही की आँखें अभी भी बंद थी , उसके चेहरे पर आग की वजह कुछ काले धब्बे लग गए थे फिर भी उसकी मासूमियत कम नहीं हुई थी। आदित्य उसे एकटक देखने में लगा था। ऐसा लगा मानो जैसे वो भूल ही गया है कि वो दोनों किसी बड़ी मुसीबत में फँसे हैं। पर भगवान उनके साथ था। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आ चुकी थी और आग भी अब काम होने लगी थी। आदित्य ने किसी तरह खुद के पैर पर गिरे समान को हटा कर ...
रिपोर्ट की समस्या
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