वीरेंद्र इसी शहर का रहने वाला था। पर लगभग पंद्रह साल के बाद उसका शहर में आना हुआ था। अब अपना ही शहर उसे अजनबी जैसा लग रहा था। जो पुराना था उसमें से बहुत कुछ अब नहीं रहा था। उसकी जगह कोई नई इमारत ...
नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
सारांश
नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
रिपोर्ट की समस्या
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