pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

डूब गई कागज़ की कश्ती

4.7
842

मॉनसून फेस्टिवल

अभी पढ़ें
नाला ज़िंदगी से छुटकारा
नाला ज़िंदगी से छुटकारा
Vandna Solanki "वंदू"
4.7
ऐप डाउनलोड करें
लेखक के बारे में
author
Vandna Solanki

अपनी कल्पनाओं, भावनाओं को लेखनी द्वारा प्रस्तुत करने का प्रयास।पत्रिकाओं ,समाचार पत्रों में लेख,कविता प्रकाशित हुए हैं पर प्रतिलिपि द्वारा संजोने का मौका मिला है।टीम प्रतिलिपि का आभार। कई साझा संग्रह एवं प्रतिलिपि द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एवं अन्य कई प्रतियोगिताओं में सम्मान प्राप्त हुआ। सोशल मीडिया में सक्रिय भागीदारी एवं कई प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Savita Shukla
    16 जुलाई 2020
    सच्चाई को बयान करती सशक्त कहानी
  • author
    01 जुलाई 2021
    पता नहीं क्यों बच्चे सिर्फ सम्पत्ति पर निगाह लगा कर बैठते हैं ।खुद माता पिता की सेवा करने की सोचते नहीं बल्कि उनकी सम्पत्ति लेकर मातापिता को वृद्धाश्रम में डालने की सोचते रहते हैं ।और नाव के रूप मे सम्पत्ति के कागजों का फट बह जाना ईश्वरीय न्याय साबित होगा । बहुत खूबसूरती से कथा प्रस्तुत किया आपने वन्दना जी । नमन
  • author
    16 जुलाई 2020
    सार्थक सृजन सत्य है । 👌👌👌👌👌🌻🌻🌻🌻
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Savita Shukla
    16 जुलाई 2020
    सच्चाई को बयान करती सशक्त कहानी
  • author
    01 जुलाई 2021
    पता नहीं क्यों बच्चे सिर्फ सम्पत्ति पर निगाह लगा कर बैठते हैं ।खुद माता पिता की सेवा करने की सोचते नहीं बल्कि उनकी सम्पत्ति लेकर मातापिता को वृद्धाश्रम में डालने की सोचते रहते हैं ।और नाव के रूप मे सम्पत्ति के कागजों का फट बह जाना ईश्वरीय न्याय साबित होगा । बहुत खूबसूरती से कथा प्रस्तुत किया आपने वन्दना जी । नमन
  • author
    16 जुलाई 2020
    सार्थक सृजन सत्य है । 👌👌👌👌👌🌻🌻🌻🌻