**"नाम है ऋषभ मिश्रा — कहानियों का दीवाना, क़लम का जादूगर।
मेरा सफर जवाहर नवोदय विद्यालय सिद्धार्थ नगर से निकलकर प्रयागराज की गलियों तक पहुंचा है — जहाँ किताबें मेरी दुनिया थीं और कल्पनाएँ मेरा ब्रह्मांड।
कहानियाँ लिखता हूँ… मगर सिर्फ़ शब्दों से नहीं, जज़्बातों से!
मैं वो लिखता हूँ जो आंखों से नहीं, दिल से देखा जाता है।
कभी बर्फ़ की सर्द हवाओं में लिपटी त्रासदी होती है मेरी कहानी, तो कभी किसी वीर की गर्जना।
'भारत कॉमिक्स' मेरा सपना है — जहां पौराणिकता और आधुनिकता मिलकर एक नया ब्रह्मांड रचते हैं।
पढ़िए, महसूस कीजिए… क्योंकि ये सिर्फ़ कहानियाँ नहीं हैं — ये सिनेमा हैं जो पन्नों पर चलता है ***
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