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ढोंगी पुजारी

4.2
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हॉरर कहानी `````````````` ढोंगी पुजारी ~~~~~~~ बेंगलुरु  के एक गांव में एक हनुमान जी का मंदिर था। उस मंदिर पर चढ़ावा बहुत आता था। और वहां का पुजारी मंदिर के चढ़ावे से जो रकम मिलती, उससे शराब पीता ...

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√√प्रतिलिपि कहानी संगह(भाग-1)ग्यारह हॉरर कहानियां।
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Vijaykant Verma
4.8
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लेखक के बारे में
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Vijaykant Verma

🥀प्रथम पुरस्कार, प्रतिलिपि सुपर अवार्ड–2021, उपन्यास–आतंक का अंत–beyond imagination, an international story... 🥀 प्रथम पुरस्कार, प्रतिलिपि सुपर अवार्ड-5(English)-2024, for Novel Deal in love..! ✍️इसके अतिरिक्त 30 से भी अधिक रचनाएं पुरस्कृत..। ✍️ बियोंड इमेजिनेशन(आतंक का अंत) पुस्तक प्रतिलिपि द्वारा प्रकाशित..। प्रकाशित रचनाओं के संबंध में- =================== मेरी लगभग सभी रचनाओं की कॉपीराइट प्रतिलिपि के पास है। इसलिए बिना प्रतिलिपि/लेखक को सूचना दिए किसी भी रचना को किसी भी रूप में उपयोग करने की कोशिश न करें..! दिल की बात– ========= ✍️सभी खुश रहें..प्रसन्न रहें.. एक दूसरे का सम्मान करें.. जीवों पर भी दया करें... और अपनी लेखनी से समाज का उद्धार करें.. और सबसे बड़ी बात ============= अपने को कभी छोटा ना समझे। क्योंकि लिखने वाला भी बड़ा होता है और पढ़ने वाला भी बड़ा होता है और लेखक व पाठक का ये रिश्ता बहुत ही मजबूत होता है..! और दूसरी महत्वपूर्ण बात ================ सपने जरूर देखिए..! क्योंकि हर कामयाब इंसान पहले सपने देखता है.. और फिर उसे पूरा करने की कोशिश करता है..! अगर आप सपने ही नहीं देखेंगे, तो उसे पूरा कैसे करेंगे..? कामयाबी कैसे हासिल करेंगे..?? इसलिए सपने जरूर देखिए.. आगे बढ़िये.. और कामयाबी हासिल करिए..! हमारी दुआएं हमेशा आपके साथ हैं! 😃😃

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    विपिन भट्ट
    12 मई 2020
    मठ-मन्दिर और पुजारियों को बक्श दीजिए प्लीज..... भले ही यह कहानी कल्पना ही सही पर .... पर यह कतई उचित नहीं है.... कल्पना सार्थक न हो तो व्यर्थ ही है.... कल्पनाओं में अपनी सोच को इतना नीचे स्तर तक ले जाना........... कुछ बोलने का मन भी नहीं हो रहा क्या बोलें
  • author
    Divya Rajbhar
    12 मई 2020
    jis trh se sabhi dhrmo m asudh aatmaye pravesh Nhi kr skti usi trh se hmare mandiro m v unka pravesh nishedh h.Aap mandiro k pujariyo ko to bakch Nhi rhe h kripa krke apne klpnao ko sarthk krne k liye apni Soch ko itne nimn astr pr na le jaye or kripa kr hmare mandiro Ka apman is trh se na kre
  • author
    छवि शर्मा "राधा"
    19 मार्च 2021
    bahut badhiya. bure kam ka bura nateeja
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    विपिन भट्ट
    12 मई 2020
    मठ-मन्दिर और पुजारियों को बक्श दीजिए प्लीज..... भले ही यह कहानी कल्पना ही सही पर .... पर यह कतई उचित नहीं है.... कल्पना सार्थक न हो तो व्यर्थ ही है.... कल्पनाओं में अपनी सोच को इतना नीचे स्तर तक ले जाना........... कुछ बोलने का मन भी नहीं हो रहा क्या बोलें
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    Divya Rajbhar
    12 मई 2020
    jis trh se sabhi dhrmo m asudh aatmaye pravesh Nhi kr skti usi trh se hmare mandiro m v unka pravesh nishedh h.Aap mandiro k pujariyo ko to bakch Nhi rhe h kripa krke apne klpnao ko sarthk krne k liye apni Soch ko itne nimn astr pr na le jaye or kripa kr hmare mandiro Ka apman is trh se na kre
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    छवि शर्मा "राधा"
    19 मार्च 2021
    bahut badhiya. bure kam ka bura nateeja