दिलीप के घर से तैयार भोजन एकाएक गायब होने लगता है । चोर बर्तन को साफ कर छोड़ जाता है । अभी ऐसी अनोखी चोरी का भेद खुला भी नहीं था कि उसके हाथ से किसी अदृश्य शक्ति ने पांच हजार रुपये छीन लिए ...।।
दिलीप के घर से तैयार भोजन एकाएक गायब होने लगता है । चोर बर्तन को साफ कर छोड़ जाता है । अभी ऐसी अनोखी चोरी का भेद खुला भी नहीं था कि उसके हाथ से किसी अदृश्य शक्ति ने पांच हजार रुपये छीन लिए ...।।