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बुढ़ापे का सहारा

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"नहीं सरोज! तुम इस तरह से ऑंसू नहीं बहा सकती। तकलीफ होगी हमारे बेटे को। याद है ना तुम्हें? हमसे बिछड़ने से पूर्व एक ही बात कहता था कि मेरे पीछे आप लोग आंसू मत बहाना।"  रिटायर्ड कर्नल रंजीत सिन्हा ने ...

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आजाद परिंदों की विनती
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गुॅंजन कमल
4.5

"अरे! चुन्नी- मुन्नी कहाॅं पर हो तुम? गला सूख रहा है, प्यास के कारण बोला भी नहीं जा रहा। क्या तुम्हें ऐसी जगह मिली जहाॅं पर पानी हो?" कहते हुए सोनी चिड़िया ने अपने चारों तरफ नजरें दौड़ाई। नजरें अपनी ...

लेखक के बारे में
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गुॅंजन कमल

छोटी- छोटी बातों में जीवन का आनंद लेती हूॅं क्योंकि बड़ी- बड़ी बातें तो जीवन में कम ही होती हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    22 जून 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने अपने बेटे बेटे को सरहद पर भेजना यही देशभक्ति का सच्चा जज्बा है
  • author
    Adv. Anila Tiwari
    03 जुलाई 2022
    बहुत बढ़िया देशभक्ति के संदेश से परिपूर्ण रचना ।
  • author
    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    06 मई 2022
    बहुत सुंदर भावनाओं से भरी कहानीं। बेहतरीन प्रस्तुति।
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    22 जून 2022
    बिल्कुल सही कहा आपने अपने बेटे बेटे को सरहद पर भेजना यही देशभक्ति का सच्चा जज्बा है
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    Adv. Anila Tiwari
    03 जुलाई 2022
    बहुत बढ़िया देशभक्ति के संदेश से परिपूर्ण रचना ।
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    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    06 मई 2022
    बहुत सुंदर भावनाओं से भरी कहानीं। बेहतरीन प्रस्तुति।