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आज़ादी

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कितना पिटोगे प्रजातंत्र में प्रचार का ढोल। जनता के आँसू बेबसी खोल दे सब पोल।। सत्ता पाना सत्ता में बने रहना ये एक खेल। चुनाव कैसे जीतना बस ये है मत का मेल।। भूख से तड़प तड़प गँवाई किसी ने जान। देश ...

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प्रियतमा
प्रियतमा
ईश्वर सिंह बिष्ट "ईशोर"
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लेखक के बारे में

असतो मा सद्गमय! तमसो मा ज्योतिर्गमय! मृत्योर्मा अमृतगमंय! (मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चल। मुझे अंधकार से उजाले की ओर ले चल। मुझे मृत्यु से अमरत्व की ओर ले चल।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    🌹Ďěvjîţ🌹
    14 मई 2022
    बहुत सुन्दर
  • author
    राजेंद्र ठाकुर
    13 अप्रैल 2019
    राजनीतिक विषय पर रचना लेखन में आपकी अच्छी पकड़ है बहुत सही व्यंग्यात्मक लहजे में अपनी बात रखी है आपने आदरणीय बहुत खूब
  • author
    Vijaykant Verma
    13 अप्रैल 2019
    सही बात यह प्रगति कागजों पर अधिक है हकीकत में स्थिति बहुत निराशाजनक है..💐💐
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    🌹Ďěvjîţ🌹
    14 मई 2022
    बहुत सुन्दर
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    राजेंद्र ठाकुर
    13 अप्रैल 2019
    राजनीतिक विषय पर रचना लेखन में आपकी अच्छी पकड़ है बहुत सही व्यंग्यात्मक लहजे में अपनी बात रखी है आपने आदरणीय बहुत खूब
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    Vijaykant Verma
    13 अप्रैल 2019
    सही बात यह प्रगति कागजों पर अधिक है हकीकत में स्थिति बहुत निराशाजनक है..💐💐