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अति सर्वत्र वर्जयेत्!

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"ओक्के पापा! घूम आओ आप इश बाड़ी कुकू दी औड़ मम्मा के शाथ। पर अगली बाड़ मैं भी जाऊंगा जम्मू कम्मीर...?",जुगनू भरी-भरी आंखों से टिमटिमाया। "जम्मू-कश्मीर बोलना तो सीख ले गंवार!" वहीं उसकी बहन ने उसे ...

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खाली खाली-सा है...
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वैराग्या
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(एक्सक्लूसिव रिकमेंडेशन-  पढ़ते वक्त पंचायत सीरीज का "खाली खाली सा" गाना सुने। 👇) ___________________________________ घर के अहाते में भीड़ इकट्ठी थी। किसी घर का चिराग फिर देश के घरों की रोशनी बचाने, ...

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वैराग्या

इंसान!!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    24 ഏപ്രില്‍ 2025
    कोई भी व्यक्ति अगर वाकई में दिल रखता है तो ये सब पढ़कर उसके पीछे छुपी भावनाएं भी समझ सकेगा और महसूस भी कर सकेगा। लेकिन बहुत ही हास्यास्पद है कि इसी देश में बैठे कुछ सो कॉल्ड सेकुलर लिब्रांडु अभी भी जगह जगह अपने कुतर्कों से इन मजहबी कीड़ों को डिफेंड कर रहे हैं। अब तो हैरानी भी नहीं होती कि ऐसे किसी हमले के बाद बजाय मृतकों के परिवार से संवेदना प्रकट करने के ये अपना एजेंडा सिद्ध करने उठ खड़े होते हैं। बने रहो शांतिदूत और भाईचारे का झंडा उठाकर खड़े रहो जब तक खुद ऐसी ही किसी गोली का शिकार न बन जाओ। हिंदुओं को इस देश में चुस्लिमों से उतना खतरा नहीं है जितना इन सेकुलर विचारधारा वाले लोगों से है। क्योंकि चुस्लिम क्या कर सकता है वो सब जानते है पर इनका कोई भरोसा नहीं। अभी भी वक्त है हिन्दुओं समझ जाओ और संभल जाओ क्योंकि कंधों से ऊंची छाती नहीं होती और धर्म से बड़ी जाति नहीं होती। जय श्री राम 🙏
  • author
    Ashu "happy 👻"
    25 ഏപ്രില്‍ 2025
    आओ भाईचारा निभाते है... भाई वो और चारा हम बन जाते है बस यही है जो समझने की जरूरत है सबको 🙏🏻
  • author
    Pera Giant
    04 ജൂണ്‍ 2025
    अंदर तक झकझोर देने वाली रचना। सारे पुरुष रेपिस्ट नहीं मगर हमेशा पुरुष हीरेपिस्ट! सारे मुस्लिम आतंकी नहीं मगर हमेशा मुस्लिम ही आतंकी! वास्तव में परिवर्तन की आवश्यकता है, मगर जब इन्हें लगता है अपने पर खतरा तो दिखाए के लिए असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी अच्छे दिखने का प्रयास करते हैं।
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    24 ഏപ്രില്‍ 2025
    कोई भी व्यक्ति अगर वाकई में दिल रखता है तो ये सब पढ़कर उसके पीछे छुपी भावनाएं भी समझ सकेगा और महसूस भी कर सकेगा। लेकिन बहुत ही हास्यास्पद है कि इसी देश में बैठे कुछ सो कॉल्ड सेकुलर लिब्रांडु अभी भी जगह जगह अपने कुतर्कों से इन मजहबी कीड़ों को डिफेंड कर रहे हैं। अब तो हैरानी भी नहीं होती कि ऐसे किसी हमले के बाद बजाय मृतकों के परिवार से संवेदना प्रकट करने के ये अपना एजेंडा सिद्ध करने उठ खड़े होते हैं। बने रहो शांतिदूत और भाईचारे का झंडा उठाकर खड़े रहो जब तक खुद ऐसी ही किसी गोली का शिकार न बन जाओ। हिंदुओं को इस देश में चुस्लिमों से उतना खतरा नहीं है जितना इन सेकुलर विचारधारा वाले लोगों से है। क्योंकि चुस्लिम क्या कर सकता है वो सब जानते है पर इनका कोई भरोसा नहीं। अभी भी वक्त है हिन्दुओं समझ जाओ और संभल जाओ क्योंकि कंधों से ऊंची छाती नहीं होती और धर्म से बड़ी जाति नहीं होती। जय श्री राम 🙏
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    Ashu "happy 👻"
    25 ഏപ്രില്‍ 2025
    आओ भाईचारा निभाते है... भाई वो और चारा हम बन जाते है बस यही है जो समझने की जरूरत है सबको 🙏🏻
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    Pera Giant
    04 ജൂണ്‍ 2025
    अंदर तक झकझोर देने वाली रचना। सारे पुरुष रेपिस्ट नहीं मगर हमेशा पुरुष हीरेपिस्ट! सारे मुस्लिम आतंकी नहीं मगर हमेशा मुस्लिम ही आतंकी! वास्तव में परिवर्तन की आवश्यकता है, मगर जब इन्हें लगता है अपने पर खतरा तो दिखाए के लिए असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी अच्छे दिखने का प्रयास करते हैं।