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अथ श्री महाभारत कथा :२

4.6
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भगवान नारायण की पद्मनाभ मुद्रा से विशाल कमलदल पर उत्पन्न ब्रह्माजी ने भगवान के आदेशों से सृष्टि की रचना आरंभ कर दी । उनके ऋषि रूप छह मानस पुत्र हुए; मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलत्स्य, पुलह तथा क्रतु ...

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अथ श्री महाभारत कथा: ३
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मुकेश नागर
4.6

भाग २ से आगे... ५ देवताओं के गुरु थे ऋषि अंगिरा के परम तेजस्वी और विद्वान पुत्र बृहस्पति और दैत्यों के गुरु और पुरोहित थे संजीवनी विद्या जानने वाले परम प्रतापी शुक्राचार्य । अमृत पीकर देवतागण अमर हो ...

लेखक के बारे में
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मुकेश नागर

श्रीलक्ष्मीनारायण सदा सहाय 🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sadhna Kumari
    27 अक्टूबर 2021
    भगवान जी की कहानी पढ़कर बहुत अच्छा लगा, आपने इतना अच्छा लिखा है,हम तो आपके आगे तिनके के समान भी नहीं है जी।
  • author
    Neelam Trivedi
    03 नवम्बर 2020
    आप के इस प्रयास को पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई .मैंने कई वर्ष पहले यह ग्रंथ पढ़ा था .उसके बाद मैंने पाया कि यह कहीं से भी अपने सम्पूर्ण रूप में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. अलग अलग कहानियों के रूप में कई बार पढ़ने को मिला .लेकिन अब अति प्रसन्नता हुई .आशा है आगे भी पढ़ने को मिलता रहेगा ..धन्यवाद .
  • author
    Jaya Nagar
    26 मार्च 2022
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏समीक्षा के लिए सभी शब्द कम हैं 👍💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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    Sadhna Kumari
    27 अक्टूबर 2021
    भगवान जी की कहानी पढ़कर बहुत अच्छा लगा, आपने इतना अच्छा लिखा है,हम तो आपके आगे तिनके के समान भी नहीं है जी।
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    Neelam Trivedi
    03 नवम्बर 2020
    आप के इस प्रयास को पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई .मैंने कई वर्ष पहले यह ग्रंथ पढ़ा था .उसके बाद मैंने पाया कि यह कहीं से भी अपने सम्पूर्ण रूप में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. अलग अलग कहानियों के रूप में कई बार पढ़ने को मिला .लेकिन अब अति प्रसन्नता हुई .आशा है आगे भी पढ़ने को मिलता रहेगा ..धन्यवाद .
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    Jaya Nagar
    26 मार्च 2022
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏समीक्षा के लिए सभी शब्द कम हैं 👍💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏