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अखरावट-अखरावट

3.7
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<p>रायबरेली जिले के जायस नमक कस्बे में रहने वाले मालिक मोहम्मद जायसी, अवधी भाषा के सर्वोत्तम साहित्यकारों में से एक थे। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा संपादित&nbsp;अखरावट पद्मावत के बाद&nbsp;उनका ...

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अखरावट-मलिक मुहम्मद जायसी
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मलिक मोहम्मद जायसी

(संपादन - रामचंद्र शुक्ल) दोहा गगन हुता नहिं महि हुती, हुते चंद नहिं सूर। ऐसइ अंधाकूप महँ रचा मुहम्मद नूर॥ सोरठा साईं केरा नाँव, हिया पूर, काया भरी। मुहमद रहा न ठाँव, दूसर कोइ न समाइ अब॥ आदिहु ते जो ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushil P. Nagar
    15 अगस्त 2020
    अवधी के पहले महाकवि जायसी की यह रचना अक्षरमाला को आधार बनाकर सूफ़ी रहस्यवाद को प्रस्तुत करती है । यह एक नायाब कृति है । सिर्फ़ टंकण की अशुद्धियाँ एक बेहतरीन व्यंजन में कंकड़ की तरह हैं । शुरू में कई बार इनके कारण पंक्तियों का अर्थ लगाने में बड़ी कठिनाई हुई|
  • author
    Davinder Kumar
    22 जून 2019
    कुछ भी लिखना सूरज को दिया दिखाने के समान है
  • author
    mohd zubair zubair
    05 अप्रैल 2022
    Acchaa hai
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    Sushil P. Nagar
    15 अगस्त 2020
    अवधी के पहले महाकवि जायसी की यह रचना अक्षरमाला को आधार बनाकर सूफ़ी रहस्यवाद को प्रस्तुत करती है । यह एक नायाब कृति है । सिर्फ़ टंकण की अशुद्धियाँ एक बेहतरीन व्यंजन में कंकड़ की तरह हैं । शुरू में कई बार इनके कारण पंक्तियों का अर्थ लगाने में बड़ी कठिनाई हुई|
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    Davinder Kumar
    22 जून 2019
    कुछ भी लिखना सूरज को दिया दिखाने के समान है
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    mohd zubair zubair
    05 अप्रैल 2022
    Acchaa hai