रात के दो बजे थे,चारों और सन्नाटा था हल्की सी भी कोई आवाज़ होतो आसानी से सुनाई दे जाये। उस सन्नाटे को चीरते हुए झींगुर और कीड़ें मकोड़ों की आवाज रह रह कर उस सन्नाटे को भंग कर रही थी। सडक़ हल्की बारिश ...
संग तेरे पानियों सा पानियों सा बहता रहूँ....
तू सुनती रहे में कहानियां सी कहता रहूँ...!!!
पेशे से चिकित्सक हूं।
कहानियों में बस ज़िंदगी लिखता हूं....!!!
सारांश
संग तेरे पानियों सा पानियों सा बहता रहूँ....
तू सुनती रहे में कहानियां सी कहता रहूँ...!!!
पेशे से चिकित्सक हूं।
कहानियों में बस ज़िंदगी लिखता हूं....!!!
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या