राधा के पिताजी को भनक लग चुकी थी। कि राधा ओर श्याम को एक दूसरे को पसंद करते है। गाँव की ही एक औरत ने राधा की माँ को आकर ताना मार दिया,लड़की सयानी हो गयी है उसका ख़्याल रखो कल को कोई ऊंच नीच ना हो ...
संग तेरे पानियों सा पानियों सा बहता रहूँ....
तू सुनती रहे में कहानियां सी कहता रहूँ...!!!
पेशे से चिकित्सक हूं।
कहानियों में बस ज़िंदगी लिखता हूं....!!!
सारांश
संग तेरे पानियों सा पानियों सा बहता रहूँ....
तू सुनती रहे में कहानियां सी कहता रहूँ...!!!
पेशे से चिकित्सक हूं।
कहानियों में बस ज़िंदगी लिखता हूं....!!!
Sir... कहानी अच्छी है....और जैसे ही समय मिलता है हम एक के बाद एक भाग पढ़ रहे हैं....... पर सर हम आपका ध्यान आपकी इस कहानी के इस भाग के 3 पेज की ओर करना चाहेगे .... जहां इस कहानी के किरदार श्याम के मरने के बारे में लिखा है..... वहाँ आपने किरदार का नाम श्याम की जगह भूल से किशन लिख दिया हैं.....कृपया ठीक करे..... बाकि कहानी बहुत अच्छी है.... 👌 👌
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Sir... कहानी अच्छी है....और जैसे ही समय मिलता है हम एक के बाद एक भाग पढ़ रहे हैं....... पर सर हम आपका ध्यान आपकी इस कहानी के इस भाग के 3 पेज की ओर करना चाहेगे .... जहां इस कहानी के किरदार श्याम के मरने के बारे में लिखा है..... वहाँ आपने किरदार का नाम श्याम की जगह भूल से किशन लिख दिया हैं.....कृपया ठीक करे..... बाकि कहानी बहुत अच्छी है.... 👌 👌
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