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१०० वर्ष (Part-1)

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साल ये बड़ा सुहाना, बदला-बदला सा आशियाना, इस बंजर ज़मीन मे तू कैद, महसूस करते हुए बीत गया ज़माना, कलयुगी ये दौर, यहां ना कुदरत का ठिकाना, सीधा बनने में मसरूफ सब, इंसान हि इंसान का दाना, मैं जो ...

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१०० वर्ष (Part-2)
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Dhruv Dev Bhardwaj "Dev"
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छुप गई वो नन्ही किलकारी, रह गई अकेली वो नन्ही बेचारी, सजाया था बचपन में आन्घन वो सपनों का, साल बदलते मुरझा गयी वो हरियाली, मज़ार के किनारे मेरी वो, बड़े वृक्ष कि छ़ाव‌ जो टकराई, मिल गईं होंगी ...

लेखक के बारे में
author
Dhruv Dev Bhardwaj

Just a clumsy writer

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Phoenix
    09 मई 2025
    So sooo good Dhruv bhai❤
  • author
    Nova
    09 मई 2025
    kitna pyara likha h 🌸
  • author
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  • author
    Phoenix
    09 मई 2025
    So sooo good Dhruv bhai❤
  • author
    Nova
    09 मई 2025
    kitna pyara likha h 🌸