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02. तुझे खोने का डर

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"तुम आ गई हो मेरे पास, अब कोई चाह बाकी नहीं। लगकर मेरे सीने से तुझे क्या हुआ एहसास बताओ न? आज लगकर सीने से मेरे, तुम कितना इतरा रही हो। शिद्दत से पाया है तुम्हें परम, खुद ही गुनगुना रही हो।। तुझे ...

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03. सदियों का इंतज़ार
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परमानन्द "प्रेम"
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"आज मेरे प्यार ने, मेरी मोहब्बत को ज्यों कुबूल किया है। आज क़दम नहीं जमीं पर, दिल की तमन्नाओं ने खुशी पा ली है। तेरे बसंती आँचल के साए में, मौसम भी खुशगवार हुआ है।। हवाओं में, कान्हा की बांसुरी की ...

लेखक के बारे में
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परमानन्द

"प्रथम विनायक पूजन करुँ, दूजा 'गुरु' नाम आधार।।"

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Seema Bano
    25 जनवरी 2022
    वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👍👌 लाजवाब अभिव्यक्ति उत्कृष्ट लेखन प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं 🙏
  • author
    Arunima Dubey
    06 जनवरी 2022
    तुझे चाहा तुझे पाया अब कोई चाहत बाकी नही...बेहतरीन लिखा आपने बहुत बढिया👌👌👌👌👌🙏💐🙏
  • author
    Kiran Singh "ek ehsaas"
    04 जनवरी 2022
    बहुत बहुत सुन्दर रचना हर शब्द लाजवाब👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
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  • author
    Seema Bano
    25 जनवरी 2022
    वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👍👌 लाजवाब अभिव्यक्ति उत्कृष्ट लेखन प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं 🙏
  • author
    Arunima Dubey
    06 जनवरी 2022
    तुझे चाहा तुझे पाया अब कोई चाहत बाकी नही...बेहतरीन लिखा आपने बहुत बढिया👌👌👌👌👌🙏💐🙏
  • author
    Kiran Singh "ek ehsaas"
    04 जनवरी 2022
    बहुत बहुत सुन्दर रचना हर शब्द लाजवाब👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏