सुहागरात को एक यादगार पल बनाने के उम्मीद से रोहन अपने कमरे में आता है। उसकी नई नवेली दुल्हन दिशा मैरून रंग की साड़ी पहने लंबे घूंघट ओढ़े बैठी होती है। रोहन की आहट से उसका पूरा बदन एक बार सर से लेकर ...
घर की जेठानियों ने लंबा सा घूंघट ओढ़ाया और शशि को अंदर भेज दिया। जिसे ठीक से देखा भी न था उसके साथ रात गुजारनी थी....या ये कहना ठीक होगा कि जिंदगी गुजारनी थी। पहली बार इतनी देर तक तो साड़ी पहना था ऊपर से इतना बड़ा घूंघट। हाथों में बादाम वाला दूध और धड़कता हुआ दिल। संभाले भी तो किसे, दूध का ग्लास, धड़कता हुआ दिल या घूंघट से आधा अधूरा दिखता अपना कदम। बड़े ही कश्मकश के साथ कमरे में आ पहुंची। कैसा लगता है न जब आप घबराहट के साए में हों और पीछे से लोगों की हँसी हो। शशि ने सपने में भी न सोचा था कि जिस ...
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खुद के लिए शायद अभी लिखने का वक़्त नही आया है। मेरी कहानियों पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें, बस यही चाहूंगा। आज इतने दिनों के बाद इतनी खुशी महसूस हुई कि आप सबको बता नही सकता। युही अपना प्यार और समर्थन देते रहें।
सारांश
खुद के लिए शायद अभी लिखने का वक़्त नही आया है। मेरी कहानियों पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें, बस यही चाहूंगा। आज इतने दिनों के बाद इतनी खुशी महसूस हुई कि आप सबको बता नही सकता। युही अपना प्यार और समर्थन देते रहें।
रिपोर्ट की समस्या
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