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साज़िश-साज़िश

4.6
42537

जय मां सरस्वती साजिश 1 अविनाश अपनी साई डिटैक्टिव एजन्सि के केबिन में बैठा कुछ काम कर रहा है।तब तक राजू प्रवेश करता है। “चलिए सर आज शाम को सराय रानी ढाबा मे खाना खाकर आते है। आज बाहर खाने की इच्छा हो ...

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साज़िश-
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अमित पाण्डेय
4.7

2 “बेटा मैं मीरा बोल रही हूं। तुम्हारे कहे मुताबिक मैंने पुलिस थाने में अपने बेटे की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करा दी है। लेकिन बेटा रानू अब तक घर वापस नहीं लौटा है।ऐसा उसने कभी नहीं किया है। अब तो मुझे ...

लेखक के बारे में
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अमित पाण्डेय

निवासी:आजमगढ़(उत्तर प्रदेश)

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    sylvester loyall
    09 ఏప్రిల్ 2020
    bahut hi Acha Likha Hain apne. choti se guum hone ki घटना के पीछे इतनी बड़ी सजीश छुपी हुई थी। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। अपने बहुत भी बढ़िया तरीके से कहनी को लिखा हैं।
  • author
    fehmina khan
    01 నవంబరు 2020
    Wah... Bohat umda kahani thi... very very interesting... Aap bohat Achcha likhte h ......👏👏👏👏👌👌👌👌👍👍👍👍
  • author
    atharva
    06 ఆగస్టు 2018
    पहले वाली कहानियों से थोड़ी कम interesting लगी।फिर भी ठीक है।
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    sylvester loyall
    09 ఏప్రిల్ 2020
    bahut hi Acha Likha Hain apne. choti se guum hone ki घटना के पीछे इतनी बड़ी सजीश छुपी हुई थी। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। अपने बहुत भी बढ़िया तरीके से कहनी को लिखा हैं।
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    fehmina khan
    01 నవంబరు 2020
    Wah... Bohat umda kahani thi... very very interesting... Aap bohat Achcha likhte h ......👏👏👏👏👌👌👌👌👍👍👍👍
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    atharva
    06 ఆగస్టు 2018
    पहले वाली कहानियों से थोड़ी कम interesting लगी।फिर भी ठीक है।