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शुद्रों का अहसान

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शुद्रों का अहसान मानना चाहिए शुद्रों का अहसान भारत में लेकिन होता है शुद्रों का अपमान भारत में महल-मकान और प्रतिष्ठान बनाए शुद्रों ने पशु-पालन, खेत-खलिहान कमाए शुद्रों ने विसार दिया ...

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विनोद सिल्ला विनोद सिल्ला
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लेखक के बारे में

साहित्यकार विनोद सिल्ला

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    rahul kumar
    01 जुलाई 2019
    आपने बिलकुल सही बाते लिखे हैं
  • author
    Meena Rani
    14 जनवरी 2019
    यथार्थ चित्रण
  • author
    24 दिसम्बर 2018
    वाह ,अनुपम लेखनी
  • author
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    rahul kumar
    01 जुलाई 2019
    आपने बिलकुल सही बाते लिखे हैं
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    Meena Rani
    14 जनवरी 2019
    यथार्थ चित्रण
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    24 दिसम्बर 2018
    वाह ,अनुपम लेखनी