pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वो रास्ता (रहस्यमय कहानी)-वो रास्ता (रहस्यमय कहानी)

4.3
18417

एक रहस्य कथा , सालों से अनकही , अनसुनी, एक अहसास के साथ। एक भुतहा अह्सास । एक रोमांचक अहसास

अभी पढ़ें
वो रास्ता (रहस्यमय कहानी)-------
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें वो रास्ता (रहस्यमय कहानी)-------
कमल बंसल "Kamal Kant Agarwal राज़"
4.2

"अरे तू कोई काम ढंग से कर पायेगा क्या" विवेक सर का जोर से बोलना मुझे ऊपर से नीचे तक हिला देता था। "ना जाने कहां कहां से आ जाते हैं , मूँग दलने , आता जाता कुछ नही और काम खराब करने मे सबसे आगे।" हट ...

लेखक के बारे में
author
कमल बंसल

अपने बारे मे क्या लिखूँ , स्वयं के बारे में तटस्थ होकर लिखना कभी आसान नहीं होता तो प्रश्न वही आता है कि आखिर क्या लिखूँ। ना तो कोई दरिया हूँ जो किसी सुदूर पहाड के आंचल से निकलकर न जाने कितने लोगो को अपना बनाता है। ना कोई ऐसा पुष्प जो अपनी सुगंध से सबको आकर्षित कर सके। ना वो बादलों की श्यामलता ही हूँ जो दहकती गर्मी मे शीतलता दे दे न ही किसी पुरवाई की उन्मत्त बहती सरगोशियों की उम्मीद हूँ । ना कोई ऐसा लेखक ही हूं , जो कर देता है मंत्रमुग्ध अपनी लेखनी से, कि भूल जायें,सूध बुध अपनी , रचना को पूरी पढ़ने के लिये सच कहुँ तो प्रतिलिपि से ही कुछ लिखने का मन में संकल्प जागा, पहली बार रचना को समर्पित इतने लोगों का सन्सार यहां देखा , अच्छा लगा। अब तो बस कोशिश करता रह्ता हूं, अपनी अधपकी , बेस्वाद खिचड़ी यहां पोस्ट करते रहने की, और उसे भी बड़े प्रेम से आप लोगो के द्वारा गृहण करते देख अभिभूत हूं। बस शायद कुछ लोगो की याद हूँ, अपने लोगो की , जो भूलना नही चाहेंगे मुझे अपने प्रेम की खातिर। खैर जो भी हूँ,आपको प्रणाम करता हूँ और आपके स्नेह का आकांक्षी हूँ । कामर्स से पोस्ट ग्रेजुएट, नैनीताल का निवासी, आपके स्नेहिल सान्निध्य का आकांक्षी, शिक्षण कर्म से विद्यार्थियों के कदमो को सही रास्ता दिखाने का आकांक्षी, समय मिलने पर मानसिक कसरत के द्वारा कुछ स्वरचित प्रस्तूत करने को बेचैन कमलकांत अग्रवाल "राज" सम्पर्क - 9319681525 फेसबुक पर आप मिल सकते हैं इस पते पर https://www.facebook.com/smaaaile एवं https://www.facebook.com/kamalkiduniya आपका स्वागत है,कृपया उत्साह वर्धन करते रहियेगा।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mamta Upadhyay
    26 फ़रवरी 2019
    बढिया स्टोरी
  • author
    Prince Lavi
    27 नवम्बर 2018
    hi, dear Kamal Kant I hope you are doing well.story so amazing words please upload next part so soon. love it.... Bhutiya Rasta or Jheel OR Pithoragareh so amazing I hope kabhi m b Pithoragarh aaunga.... Regards, Durvesh Kumar Ok Mr. Kamal Kant ji Shukriya
  • author
    Satpal. Singh Jatiyan
    09 जनवरी 2019
    nice 🌟 and interesting
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mamta Upadhyay
    26 फ़रवरी 2019
    बढिया स्टोरी
  • author
    Prince Lavi
    27 नवम्बर 2018
    hi, dear Kamal Kant I hope you are doing well.story so amazing words please upload next part so soon. love it.... Bhutiya Rasta or Jheel OR Pithoragareh so amazing I hope kabhi m b Pithoragarh aaunga.... Regards, Durvesh Kumar Ok Mr. Kamal Kant ji Shukriya
  • author
    Satpal. Singh Jatiyan
    09 जनवरी 2019
    nice 🌟 and interesting