ट्रेन सरहद के पास एक छोटे से स्टेशन पर आकार रुकी। मुकुंद इस स्टेशन पर उतरने वाला इकलौता शख़्स था। मुकुंद ने घड़ी देखी। सुबह के सवा नौ बजे थे। किंतु स्टेशन इतना शांत और खाली था जैसे रात के ढाई बजे ...
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प्रायश्चित 2
आशीष कुमार त्रिवेदी
4.8
(2) मुकुंद ग्राम प्रधान के घर के सामने खड़ा था। दरवाज़ा खुलने पर घर के नौकर ने बताया कि प्रधान जी अभी घर पर नही हैं। लौटने में कुछ समय लगेगा। मुकुंद घर के सामने बने नीम के चबूतरे पर बैठ कर उनके ...
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नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
सारांश
नमस्ते
अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।
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