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लंच बॉक्स और मैं

4.8
1676

लंच बॉक्स और मैं बच्चे की पहली पाठशाला उसका घर होता है और उसके प्रथम शिक्षक उसके माता-पिता।जो उसे प्रथम संस्कार देते हैं। वो संस्कार जीवनपर्यंत उसे मानवी मूल्यों की पहचान देते हैं। उसके बाद ...

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Damini
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लेखक के बारे में
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Damini

साहित्य की पगडंडी पर अभी पहला कदम रखा हैं। मंज़िल अभी बहुत दूर है। 🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    संध्या बक्शी
    17 सितम्बर 2019
    सर्वप्रथम तो बधाई स्वीकारिये 🏅🏅🏅🏅। विजेताओं की सूची में आपका नाम पढ़ कर ,बहुत खुशी हुई । मुझसे यह संस्मरण कैसे छूट गया । जल्दी से lunch box खोला । वाकई बहुत अच्छा लिखा !👌👌👌 साथ ही शिक्षाप्रद भी । आपका गरिमामयी व्यक्तित्व आपकी रचनाओं में परिलक्षित होता है । बहुत सारी शुभकामनाएं । 🌹🌹🌹
  • author
    प्राची
    12 सितम्बर 2019
    बाल मन बहुत चंचल होता है । और बहुत कम बच्चे ही इतनी भूख लगने पर कोई और सीख याद रख पाते हैं । आपने जो किया उससे बच्चों को प्रेरणा लेनी चाहिये । उम्दा लेखन । 😊
  • author
    शैलेश "सृजन"
    07 सितम्बर 2019
    वाह,, बहुत यादगार संस्मरण है आपका,,,। बहुत अच्छे से आपने लिखा है दीदी,, उन पहलुओ को ।।
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    संध्या बक्शी
    17 सितम्बर 2019
    सर्वप्रथम तो बधाई स्वीकारिये 🏅🏅🏅🏅। विजेताओं की सूची में आपका नाम पढ़ कर ,बहुत खुशी हुई । मुझसे यह संस्मरण कैसे छूट गया । जल्दी से lunch box खोला । वाकई बहुत अच्छा लिखा !👌👌👌 साथ ही शिक्षाप्रद भी । आपका गरिमामयी व्यक्तित्व आपकी रचनाओं में परिलक्षित होता है । बहुत सारी शुभकामनाएं । 🌹🌹🌹
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    प्राची
    12 सितम्बर 2019
    बाल मन बहुत चंचल होता है । और बहुत कम बच्चे ही इतनी भूख लगने पर कोई और सीख याद रख पाते हैं । आपने जो किया उससे बच्चों को प्रेरणा लेनी चाहिये । उम्दा लेखन । 😊
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    शैलेश "सृजन"
    07 सितम्बर 2019
    वाह,, बहुत यादगार संस्मरण है आपका,,,। बहुत अच्छे से आपने लिखा है दीदी,, उन पहलुओ को ।।