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मेरी खामोशी उनकी मोहब्बत

4.8
442

सरू को खामोश देख प्रीति को चिंता हो रही पर प्रीति के पास कोई एक भी शब्द ऐसा नही था जो सरू को सांत्वना दे सकें या उसे कोई उम्मीद दी जा सकें कहते है कि कुछ खामोशी  की चीख़ इतनी बुरी होती है कानों ...

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मेरी खामोशी उनकी मोहब्बत
Virat Ujjwal
5
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लेखक के बारे में
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Virat Ujjwal

मैं तो एक पागल हूं प्रतिलिपि पर आकर मेरा पागलपन बढ़ता है देना चाहती हूं हर किसी को सुकून......... पर मेरा खुद के सुकून का हर शब्द ना जाने कितने लोगों के एहसासों का क़त्ल करता है विराट उज्जवल हमारा तीन साल का बेटा है और हम अपने सुकूँ के लिये लिख रहे है हमें एक बेचैनी यहाँ खींच कर लायी है घड़ी की सुई एक जगह रूकती कहाँ है जिंदगी हर पल बदलती.... सभी की जिंदगी एक जैसी ना है काश हर कोई ये समझ जाता जितना जिसे मिला उतने में ही खुश रह पाता सुप्रभा चौधरी

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shubham Jagdale "शुभ"
    10 अप्रैल 2021
    सुरु को खुद को संभालना चाहिए , बड़ा अच्छा लिखा है आपने सुरु का दर्द एक पाठक होने के नाते मुझ तक पहुंचा ..
  • author
    Sonam Sharma
    07 मार्च 2025
    👌👌 बहुत ही अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ कर...👌👌 👌👌
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    Shubham Jagdale "शुभ"
    10 अप्रैल 2021
    सुरु को खुद को संभालना चाहिए , बड़ा अच्छा लिखा है आपने सुरु का दर्द एक पाठक होने के नाते मुझ तक पहुंचा ..
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    Sonam Sharma
    07 मार्च 2025
    👌👌 बहुत ही अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ कर...👌👌 👌👌