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मेरी खामोशी उनकी मोहब्बत

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4.8

सरू को खामोश देख प्रीति को चिंता हो रही पर प्रीति के पास कोई एक भी शब्द ऐसा नही था जो सरू को सांत्वना दे सकें या उसे कोई उम्मीद दी जा सकें कहते है कि कुछ खामोशी  की चीख़ इतनी बुरी होती है कानों ...