pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मानसी-मानसी

4.4
31824

मानसी! मानसी! मानसी! बहुत शोर था मानसी का। चार एक हजार मकानोंवाली उस मध्यवर्गीय कॉलोनी का खंभा-खंभा जैसे मानसी के अस्तित्व से रोमांचित हो, स्तब्ध खड़ा था। जितने मुँह उतनी बातें। लेकिन कमाल यह कि सारी ...

अभी पढ़ें
मानसी-दो
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें मानसी-दो
धीरेन्द्र अस्थाना
4.4

महत्त्वाकांक्षाओं, स्वप्नों, दुश्चिंताओं, आशंकाओं, बेचैनी, प्रश्नों, संवेदनाओं, चाहतों, दुस्साहस और छोटे-बड़े डरों से मिलकर बना था मानसी का व्यक्तित्व। प्रश्न चाहे खोजी पत्रकारिता की सीमा और संभावना ...

लेखक के बारे में

जन्म : 25 दिसंबर 1956, मेरठ (उत्तर प्रदेश) भाषा : हिंदी विधाएँ : कहानी, उपन्यास उपन्यास : समय एक शब्द भर नहीं है, हलाहल, गुजर क्यों नहीं जाता, देश निकाला   कहानी संग्रह : लोग हाशिये पर, आदमीखोर, मुहिम, विचित्र देश की  प्रेमकथा, जो मारे जाएँगे, उस रात की गंध, खुल जा सिमसिम, नींद के बाहर पुरस्कार: इंदु शर्मा कथा सम्मान, राष्ट्रीय संस्कृति सम्मान, मौलाना अबुल कलाम आजाद पत्रकारिता पुरस्कार पता: डी-2/102, देवतारा अपार्टमेंट्स, मीरा सागर कांप्लेक्स, रामदेव पार्क रोड, मुंबई - 7 दूरभाष:: 91-9821872693, 91-22-65282046

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Annapurna Mishra
    26 मई 2017
    शादी से इतर प्रेम सम्बन्धो को जीने की लालसा रखने वालों की कहानी जिनको दूसरों की थाली हमेशा अच्छी लगती है
  • author
    Reni Choudhary
    26 मई 2017
    aaj ku6 nhi khungi bs nisabd kr diya kisi arvind k liye pta nhi kitni mansiyo ne
  • author
    Sandeep Sachdeva
    21 जुलाई 2017
    और अहिस्ता कीजिए बातें, धड़कने कोई सुन रहा होगा lll
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Annapurna Mishra
    26 मई 2017
    शादी से इतर प्रेम सम्बन्धो को जीने की लालसा रखने वालों की कहानी जिनको दूसरों की थाली हमेशा अच्छी लगती है
  • author
    Reni Choudhary
    26 मई 2017
    aaj ku6 nhi khungi bs nisabd kr diya kisi arvind k liye pta nhi kitni mansiyo ne
  • author
    Sandeep Sachdeva
    21 जुलाई 2017
    और अहिस्ता कीजिए बातें, धड़कने कोई सुन रहा होगा lll