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भूलभुलैया (भाग एक)

4.3
34866

ड्यूटी से आने के बाद आज नेहा के पापा बहुत खुश थे। चेहरे पर चौड़ी मुस्कान के साथ ही मिठाई का डिब्बा भी था। "क्या बात है नेहा के पापा आज आप बड़े खुश लग रहे है और ये मिठाई भी लाये हैं लग रहा है कोई ...

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भूलभुलैया (भाग 2)
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सोनम त्रिवेदी
4.4

लखनऊ आने के बाद mr पाठक को रहने के लिए कंपनी की तरफ से गोमतीनगर एरिया में three bhk अपार्टमेंट मिल चुका था, जिसमे समान जमाने में ही काफी समय निकल गया और इसके साथ ही साथ नेहा को यूनिवर्सिटी में न्यू ...

लेखक के बारे में

जय महाकाल🙏😇 ✍️हम ना रहेंगे तुम ना रहोगे,रह जाएंगी कहानियां📝

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 फ़रवरी 2019
    suspense create kar ke chhod diya aapne trivedi ji...
  • author
    Yakoob Khan "Anshu"
    19 जून 2019
    कहानी की बहुत बढ़िया शुरूआत की है आपने। अंत को रहस्यमयी बना कर छोड़ दिया। निश्चित रूप से आगे भी पढ़ने ही पढ़ेगा। देखना है कि आख़िर नेहा के साथ होता क्या है? 👌👌👍👍
  • author
    04 फ़रवरी 2019
    कहानी की अंतिम पंक्तियों मे खूब सस्पेंस बना कर छोडा है आपने। बढिया शुरुआत। दूसरे भाग को पढने की दिलचस्पी बढ गई है
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    04 फ़रवरी 2019
    suspense create kar ke chhod diya aapne trivedi ji...
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    Yakoob Khan "Anshu"
    19 जून 2019
    कहानी की बहुत बढ़िया शुरूआत की है आपने। अंत को रहस्यमयी बना कर छोड़ दिया। निश्चित रूप से आगे भी पढ़ने ही पढ़ेगा। देखना है कि आख़िर नेहा के साथ होता क्या है? 👌👌👍👍
  • author
    04 फ़रवरी 2019
    कहानी की अंतिम पंक्तियों मे खूब सस्पेंस बना कर छोडा है आपने। बढिया शुरुआत। दूसरे भाग को पढने की दिलचस्पी बढ गई है