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"बारिश दीदी"

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"मॉनसून फेस्टिवल - बचपन की बारिश और कागज की नाव।"

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"ब्याह के पहले सावन का विरह"
"ब्याह के पहले सावन का विरह"
पवनेश मिश्रा
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लेखक के बारे में
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पवनेश मिश्रा

🇮🇳 सामान्य भारतीय 🇮🇳

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    16 जुलाई 2020
    shandaar prastuti meri aaj ki raksha pdhiye😊congratulations🎉🎊🎁
  • author
    Manju Pant
    16 जुलाई 2020
    पवनेश बहुत सुन्दर वार्तालाप द्वारा तुमने अनजाने मे ही हृदय के तार छेड दिए हैं ,सचमुच ही इस पीढी के बच्चों से ये सब छिनता जा रहा है ,उनका मासूम बचपन ये सब नहीं कर पाता ,गैजेट युग के बच्चे असली खशियो से महरूम हैं ,तूमने बारिश व कागज की नाव द्वारा बहुत सुन्दर व सुरूचिपूर्ण विवरण किया है ,जो अपने बचपन की भी याद दिला देता है ।काश बच्चों के लिए ये सब वापस आए बच्चे बारिश क कागज की नाव का आनंद उठा पाएं ।बहुत मुबारक तुमको । ✍️✍️🔯⚛️🙌🌷🌷
  • author
    Subhi Suman
    16 जुलाई 2020
    वाह! बेहद सुन्दर तरीकें से बारिश को (दीदी) नाम देकर रचना मे चार चाँद लगा दिए बूंदें, बहनें, इन अनगिनत बहनों की मद्धिम मद्धिम 💦फुहारे और बच्चों को इस तरहा पुराने पल दुलार बहुत आनंदित करतीं रचना... बहुत खूबसूरत लेख,... बहुत बहुत बधाई,,,, सरजी!! 🙏🙏
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    16 जुलाई 2020
    shandaar prastuti meri aaj ki raksha pdhiye😊congratulations🎉🎊🎁
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    Manju Pant
    16 जुलाई 2020
    पवनेश बहुत सुन्दर वार्तालाप द्वारा तुमने अनजाने मे ही हृदय के तार छेड दिए हैं ,सचमुच ही इस पीढी के बच्चों से ये सब छिनता जा रहा है ,उनका मासूम बचपन ये सब नहीं कर पाता ,गैजेट युग के बच्चे असली खशियो से महरूम हैं ,तूमने बारिश व कागज की नाव द्वारा बहुत सुन्दर व सुरूचिपूर्ण विवरण किया है ,जो अपने बचपन की भी याद दिला देता है ।काश बच्चों के लिए ये सब वापस आए बच्चे बारिश क कागज की नाव का आनंद उठा पाएं ।बहुत मुबारक तुमको । ✍️✍️🔯⚛️🙌🌷🌷
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    Subhi Suman
    16 जुलाई 2020
    वाह! बेहद सुन्दर तरीकें से बारिश को (दीदी) नाम देकर रचना मे चार चाँद लगा दिए बूंदें, बहनें, इन अनगिनत बहनों की मद्धिम मद्धिम 💦फुहारे और बच्चों को इस तरहा पुराने पल दुलार बहुत आनंदित करतीं रचना... बहुत खूबसूरत लेख,... बहुत बहुत बधाई,,,, सरजी!! 🙏🙏