ना उजड़े घर परिंदों के शादी की भागदौड़ और उसके ऊपर एक के बाद फंक्शन थक कर मैं पंलग पर बैठ कर पैरों को गर्म पानी के टब में डालकर अपनी थकावट दूर कर रही थी ।आज नीतू की मेहन्दी हैं। कल सगन के फंक्शन ...
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तेरे जाने के बाद भाग 2
Damini
4.7
बेटी को डोली में बिठा कर विदा कर दिया एक एक करके सारे मेहमान भी वापस अपने-अपने घर लौट गए। जिस घर में पिछले एक सप्ताह से चहल-पहल थी, वहीं सन्नाटे ने अपना डेरा जमा लिया था एक कमरे से दूसरे कमरे में घूम रही थी। अनेकों प्रश्न दिमाग में चल रहे थे, क्या करूंगी अब इस घर में जहाँ राकेश मुझे दुल्हन बना कर लाए थे? मैं राकेश की अलमारी के पास जाकर खड़ी हो गई अलमारी खोलकर राकेश के कपड़ों को देखने लगी राकेश की एक- एक चीज़ को मैंने अभी तक सहेज कर रखा हुआ था। उसकी यूनिफार्म, उसके रूमाल, उसकी कैप, सबकुछ उसी जगह ...
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बढ़िया शब्द चयन, उत्कृष्ट लेखनशैली का बेहतरीन उदाहरण। शानदार कहानी। एक माँ के मनोभावों का सजीव चित्रण। शालू की महानता का पता वहीं से चल जाता है जब वो अपनी बेटी के लिए माँ और पिता दोनों का फ़र्ज़ निभाती है। वो चाहती तो दूसरी शादी कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। अपनी बेटी नीतू की ख़ातिर। अंत में उसे भी पायलेट बनाया और अब उसका घर बसाते हुए दुआऐं कर रही है। माँऐं ऐसी ही होती हैं। किस्मत वाले हैं वे जिनके माता पिता उनके पास हैं उनके साथ हैं। बहुत अच्छी कहानी गढ़ी है आपने। बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जीवन में हर किरदार को अपने अपने हिस्से का दायित्व निर्वाह करना होता है हम मनुष्य है और मनुष्य अपने अधिकारों की सीमा में भीड़ करके इतना स्वार्थी हो जाता है कि कर्तव्यों की और उसका ध्यान नहीं जाता जब कभी हम किसी मिथक को लेते हैं या मिसाल को लेते हैं तो हमारे सामने यह सहज उद्घाटित हो उठता है कि सुख अथवा सुकांति आनंद अथवा आनंद की अनुभूति यह दोनों समान अर्थ के देखते हुए भी अलग है और इनको हम तभी प्राप्त कर पाते हैं जब कभी हम कुछ ऐसा करते हैं जो हमें सुकून देता है कहीं अंदर जाकर के अंतःकरण को और इस कहानी के माध्यम से अपने समाज में व्याप्त कुरीतियों विसंगतियों विषमताओं को उनकी जमीन को तोड़ने की कोशिश की है शब्द चयन से लेकर वाक्य विन्यास और संवाद योजना बहुत ही बेहतरीन है कथ्य का शुगर रोग जिससे प्रगति से आगे बढ़ रहा है वह रचनाकार के अनुभव के साथ-साथ विलक्षणता और योग्यता को आर्थित करता है बहुत-बहुत बधाई आप ऐसे ही लिखती रहें और हम पढ़ते रहे
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