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तुम जैसे वीर.....

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हम नन्हें-मुन्ने बच्चे प्यारे
हम नन्हें-मुन्ने बच्चे प्यारे
अंकिता सिंह "रिनी"
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लेखक के बारे में
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अंकिता सिंह

पुरस्कार मायने नहीं करता, तिरस्कार न मिले कामना है यही🙏😊

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शैलेश "सृजन"
    22 ஆகஸ்ட் 2019
    क्या बात है रिनी,,,,, मुझे पता ही नही था कि आप इस दौड़ में हो,,।।
  • author
    पवनेश मिश्रा
    07 டிசம்பர் 2019
    राष्ट्र प्रेम और सैन्य बलों के प्रति अगाध श्रद्धा, सम्मान, और विश्वास, की भावनाओं से ओत प्रोत यह सृजन निःसन्देह प्रशंसनीय है अंकिता जी, कलम की ऊर्जा को शत सहस्त्र नमन, शुभकामनाएं, 🇮🇳🙏😊,
  • author
    रविन्द्र "रवि"
    13 ஆகஸ்ட் 2019
    बिल्कुल उत्तम रचना,और जबतक आप जैसे लोग है उन प्रहरियों के हौसलों पर कभी आँच न आएगा।गर कभी डगमगाने लगें कदम तो आपकी पंक्तियों के सम्बल से सम्हल जाएगा।
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    शैलेश "सृजन"
    22 ஆகஸ்ட் 2019
    क्या बात है रिनी,,,,, मुझे पता ही नही था कि आप इस दौड़ में हो,,।।
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    पवनेश मिश्रा
    07 டிசம்பர் 2019
    राष्ट्र प्रेम और सैन्य बलों के प्रति अगाध श्रद्धा, सम्मान, और विश्वास, की भावनाओं से ओत प्रोत यह सृजन निःसन्देह प्रशंसनीय है अंकिता जी, कलम की ऊर्जा को शत सहस्त्र नमन, शुभकामनाएं, 🇮🇳🙏😊,
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    रविन्द्र "रवि"
    13 ஆகஸ்ட் 2019
    बिल्कुल उत्तम रचना,और जबतक आप जैसे लोग है उन प्रहरियों के हौसलों पर कभी आँच न आएगा।गर कभी डगमगाने लगें कदम तो आपकी पंक्तियों के सम्बल से सम्हल जाएगा।