आप केवल प्रतिलिपि ऐप पर कहानियाँ डाउनलोड कर सकते हैं
एप्लिकेशन इंस्टॉल करें
अपने दोस्तों के साथ साझा करें:
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें
झूठी पत्तल (भाग-दो)
Vishnu Jaipuria "Vishu"
4.8
चौधराइन थक के चूर हो गई थी। अपने सारे जेवरों को उतार कर आलमारी में बन्द कर दिये और सोने के लिए अपने कमरे में चली गई । गजेंद्र का कमरा वहीं बगल में था। अभी ...
आप केवल प्रतिलिपि ऐप पर कहानियाँ डाउनलोड कर सकते हैं
अत्यंत मार्मिक कहानी विष्णु जी | मेरे मन को कहानी के अंत में चौधराइन से कुछ मानवता की उमीद थी पर वो जाती रही | व्यर्थ के दिखावे के प्रपंच में सोये कथित इन दानवीरों को दरिद्र लोगों की आहें सुनती कहाँ हैं ? ऐसे रुतबे को धिक्कार है ! गरीबों की मानवीयता देखिये फिर भी दुआ दे जाते हैं |
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बस इसी मानसिकता से ऊपर उठना ही तो सही रूप में धर्म भी है और संस्कार भी। सात गांव को खिलाने में ख़र्च हुए मगर वो दिखावा था ,सिर्फ एक भिखाड़ी को नहीं खिलाना उसके सारे दिखावे को नग्न कर दिया। ऐसा अक्सर होता रहा है। आपने बेहद रोचक तरीके से कलमबद्ध किया। साधुवाद।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
होता ही ऐसा है कि पाठक लेखक के विचारों से अलग कहानी का आकलन करता है... ओर इस बात को प्रभावित करने कुछ लेखक प्रयास भी करते हैं...।
पर आपकी सरल रचनाये पाठक को मुक्त मनसे कुछ भी सोचने देती हैं!!
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
अत्यंत मार्मिक कहानी विष्णु जी | मेरे मन को कहानी के अंत में चौधराइन से कुछ मानवता की उमीद थी पर वो जाती रही | व्यर्थ के दिखावे के प्रपंच में सोये कथित इन दानवीरों को दरिद्र लोगों की आहें सुनती कहाँ हैं ? ऐसे रुतबे को धिक्कार है ! गरीबों की मानवीयता देखिये फिर भी दुआ दे जाते हैं |
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बस इसी मानसिकता से ऊपर उठना ही तो सही रूप में धर्म भी है और संस्कार भी। सात गांव को खिलाने में ख़र्च हुए मगर वो दिखावा था ,सिर्फ एक भिखाड़ी को नहीं खिलाना उसके सारे दिखावे को नग्न कर दिया। ऐसा अक्सर होता रहा है। आपने बेहद रोचक तरीके से कलमबद्ध किया। साधुवाद।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
होता ही ऐसा है कि पाठक लेखक के विचारों से अलग कहानी का आकलन करता है... ओर इस बात को प्रभावित करने कुछ लेखक प्रयास भी करते हैं...।
पर आपकी सरल रचनाये पाठक को मुक्त मनसे कुछ भी सोचने देती हैं!!
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या