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किस्सागोई-1.1: सेठ मंशाराम की मंशा

4.4
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मंशाराम सेठ व्यापार और परिवार की जिम्मेदारियों से मुक्त होकर देशाटन के लिए जाना चाहते हैं। परिवार वाले बिना सेवक के उन्हें भेजना नहीं चाहते।

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किस्सागोई -1.2: सेठ मंशाराम के लिए सेवक की खोज
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें किस्सागोई -1.2: सेठ मंशाराम के लिए सेवक की खोज
चन्द्र लक्ष्मी
4

किस्सागोई -1.2: सेठ मंशाराम के लिए सेवक की खोज अब सेठ मंशाराम की यात्रा के लिये एक सेवक की खोज होने लगी। वैसे तो कोई भी सेठ जी के साथ यात्रा पर जाने के लिये तैयार हो जाता परन्तु एक तो इस ...

लेखक के बारे में

माँ सरस्वती का एक पुजारी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Narender Singh
    16 मार्च 2022
    आपका कहानी को कहने का जो अंदाज है वो बहुत निराला और शानदार है I सच कहूँ मज़ा आ गया
  • author
    ❣️ Surjmukhi singh ❣️
    07 दिसम्बर 2023
    बेहतरीन रचना कि है आपने 💯😂💝💯💝
  • author
    Samir Sharma
    25 मई 2020
    बहुत ही सुन्दर,रोचकता जगाती हुई।
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  • author
    Narender Singh
    16 मार्च 2022
    आपका कहानी को कहने का जो अंदाज है वो बहुत निराला और शानदार है I सच कहूँ मज़ा आ गया
  • author
    ❣️ Surjmukhi singh ❣️
    07 दिसम्बर 2023
    बेहतरीन रचना कि है आपने 💯😂💝💯💝
  • author
    Samir Sharma
    25 मई 2020
    बहुत ही सुन्दर,रोचकता जगाती हुई।