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काली डायन की काहानी भाग -02

4.1
8731

सच्ची घटनायें

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काली डायन और रक्त पिशाचनी सम्पुर्ण ।
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अटल पैन्यूली
4.1

अब तक आपने पढ़ा कि किस प्रकार एक  स्त्री जिसकों तांन्त्रिक  ने अपनी  स्वार्थ सिद्धी के लिये मार दिया और वह अपनी पुत्री के मोह में डायन बन गयी और उसने उस तांत्रिक को मारकर कुछ सिद्धियां प्राप्त की और किस प्रकार गांव के एक मजदुर को डराया । अब भाग 2 से आगे .......... अब डायन के प्रकोप से  उस तालाब के पानी में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा और गांव वाले अभी इस बात से अंजान थे, एक दिन एक लकड़हारा फिर  पैसों के लोभ में जंगल से लकडी़ की तस्करी के लिये अपने दो साथियों के साथ गया और जंगल में लकडी़ काटने लगे ...

लेखक के बारे में
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अटल पैन्यूली

M.SC BOTANY (BOTANIST) PGDYS(YOGACARYA) B.Ed(SIKASA SASTRI) CAMOND ON 4 LENGUAGE HINDI ENGLISH SANSKRIT UTTARAKHAND REGNOL LENGUAGE Reading the biography is my favourite. NIVAS- KEDARKHAND ( THE LEND OF SHIV, VISHNU AND SAKTI)

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    29 अगस्त 2019
    very nice
  • author
    29 अगस्त 2019
    बहुत अच्छा
  • author
    विशाल पंवार
    03 अप्रैल 2020
    कहानी सुन्दर थी विज्ञान जिन बातों को नहीं मानता या जो इन्हें प्रूफ नहीं कर पाता वो अंधविशवास ही है उनकी नज़र में जबकि ऐसा सच में होता पहले विश्वास नहीं होता था अब है मेरा तो अपना अनुभव है
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  • author
    29 अगस्त 2019
    very nice
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    29 अगस्त 2019
    बहुत अच्छा
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    विशाल पंवार
    03 अप्रैल 2020
    कहानी सुन्दर थी विज्ञान जिन बातों को नहीं मानता या जो इन्हें प्रूफ नहीं कर पाता वो अंधविशवास ही है उनकी नज़र में जबकि ऐसा सच में होता पहले विश्वास नहीं होता था अब है मेरा तो अपना अनुभव है