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कल, आज और माँ

4.4
187365

दूध और चाय

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कल, आज और माँ (भाग 2)
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शोभा शर्मा
4.5

कल ,आज और माँ (भाग 2)                   समय की रेल अपनी रफ्तार से बढ़ते हुये गंतव्य की ओर चली जा रही थी । रमा पंद्रह दिन की छुट्टियाँ लेकर आईं थीं । सासु माँ की तबियत की वजह से वह कहीं आ जा नहीं ...

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शोभा शर्मा

Welcm My Dear Readar🙏 विसंगतियों पर रहती है नजर,🔺खेमकुशर (धारावाहिक -116भाग)🔺मलाल है कि- (धारावाहिक -20 भाग पुरस्कृत कलमकार सम्मान प्रथम स्थान)🔺ओ! रेवा तुम फिर आना।(प्रथम पुरस्कार हारर फेस्टीवल)🔺नेह की बाती अरमानों की थाती, (सोशल स्टोरी विद मिस्ट्री *पुरस्कृत) 🔺महाराजा छत्रसाल- मान है सो जान है, ना मानिहै सो जानिहै। (एतिहासिक) 🔺स्क्रपल आफ दी बैटर हाफ (द मर्डर मिस्ट्री- पुरस्कृत) 🔺दी डेंजरस बैट (हारर धारावाहिक) 🔺उमड़-घुमड़ घिर आए रे बदरवा(धारावाहिक-11 भाग पुरस्कृत) 🔺रातों रात-(धारावाहिक-सोशल) 🔺दास्ताने सफर और रात का सफर-(धारावाहिक-हारर) 🔺वेकेंसी-द वे़पायर लव (धारावाहिक- हारर) 🔺समर्पिता (धारावाहिक -पांच भाग- पुरस्कृत-तीसरा स्थान अरण्य कथा) 🔺 हारर की 14 दास्तानें-(हारर फेस्टीवल की पुरस्कृत कथाएं) 🔺देखा हुआ मंजर- (धारावाहिक हारर-पुरस्कृत ) 🔺नेकी की दीवार- (कहानी पुरस्कृत) 🔺विकल्प-(कहानी -संस्मरण) 🔺किसान की बेटी -(कहानी- पुरस्कृत) 🔺लोटा - (कहानी -इमोशनल) 🔺दुर्गा ओ वुमनिया(नारी है शक्ति रुपा) 🔺कुछ खट्टी कुछ मीठी-(डायरी-पुरस्कृत 🔺जीवन के अनोखे रंग-(51 कविताएं) 🔺अगर शब्दों के पंख होते-(51 कविताएं) 🔺मौली क्या करे!(घरेलू हिंसा का एक समाधान) 🔺दिल ढूंढ़ता है फिर वही-(धारावाहिक-14 भाग) 🔺रंग बिरंगी संस्कृति डायरी (पुरस्कृत) 🔺डायरी दिल खुश 🔺हादसे वाली रात- (कहानी पुरस्कृत) 🔺ये अनोखे रंग जीवन के (कविताएं) 🔺मैं स्वीकारती हूं।- (आज की मां की कहानी-समस्या का समाधान) 🔺पोयट्री मैराथन (कविताएं -पुरस्कृत) 🔺रेखा ओ रेखा! जब से तुम्हें देखा-(गीतों भरी कहानी) 🔺किस्सा ए दिल - (प्रेम कहानी- रेडियो दिवस-पुरस्कृत) 🔺प्यार की कोई उम्र नहीं होती। (रोमांस-कहानी-पुरस्कृत) 🔺कुछ यक्ष प्रश्न - (आलेख) 🔺अनायास ही एक रोज (मोटीवेशनल - धारावाहिक यात्रा संस्मरण - कहानी) और भी अनेक रचनाएं प्रतिलिपि पर , स्वागत है पढ़िए और अपनी प्रतिक्रिया, प्रोत्साहन दीजिए🙏 ◆(1) एक थी मल्लिका- उपन्यास- हॉरर,मिस्ट्री "अमेजॉन पर पेपर बैक और किंडल पर (2) रुह के साए- Shopizen.com (POD) प्रिंट आन डिमांड पर मंगवाएं e book on अमेजाँन kindle 1-- Into Darkness-अंधेरे में जागती अतृप्त रुहें, हॉरर मिस्ट्री स्टोरी कलेक्शन, 2-- देशज प्रेत कथाएँ - हॉरर स्टोरीज़ कलेक्शन 3- तेरे मेरे दरमियाँ- रिश्तों की एक कहानी। जन्म-टीकमगढ़, म.प्र.में, शिक्षा -एम.एस.सी (प्राणि शास्त्र ),बी.एड. ◆सृजन-स्वतंत्र लेखन,कथाकार, पारिवारिक, सामाजिक, सस्पेंस, थ्रिलर, हॉरर सभी विधाओं की लगभग 230 कहानियाँ, 20 धारावाहिक, परिचर्चाएं एवं अनेक लेख. कविताएं। पसंदीदालेखन विधा-सामाजिक, प्रेम,सस्पेंस, हारर, रहस्य, फिक्शन स्टोरी. ◆ अनेक राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं सरिता, मुक्ता, गृह शोभा, सरस सलिल, मेरी सहेली, वनिता, गृह लक्ष्मी, मनोरमा, बालहंस, इला भारती, इस्पात भाषा भारती में अनेक कहानियाँ, लेख1992- 2008 के बीच प्रकाशित. ◆पुरुस्कार-प्रतिलिपि हॉरर फेस्टिवल में लिखी गई कहानी-ओ रेवा! कल आना, (नाले वा ) को प्रथम पुरुस्कार। उपन्यास -*मलाल है कि- प्रतिलिपि कलमकार सम्मान में प्रथम स्थान एवं प्रतिलिपि द्वारा अनेक प्रथम,द्वितीय,तृतीय एवं टॉप टेन में स्थान और सम्मान, पुरस्कार एवं सर्टिफिकेट, फ़ेलोशिप, वेबीनार। *सम्मान-मेरी सहेली पत्रिका में कहानी लेखन हेतु प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार- दिल्ली प्रेस की कहानी प्रतियोगिता में कहानी-"प्रत्यागत" को पुरस्कार प्राप्त. ◆म.प्र.लेखिका संघ द्वारा लेखन सम्मान ◆मध्य प्रदेश लेखक संघ द्वारा लेखन पुरस्कार ◆नई दुनिया (इन्दौर),एवं दैनिक भास्कर ,नवभारत जबलपुर से अनेक कविताएं, लेख,परिचर्चाएं प्रकाशित एवं पुरस्कार प्राप्त ◆आकाशवाणी छतरपुर से अनेक कहानियां, वार्ताएं, झलकियां प्रसारित एवं अस्थाई उदघोषिका का कार्य. ◆प्रतिलिपि, मातृभारती पर अनेक कहानियाँ, धारावाहिक प्रकाशित.लेखन निरंतर जारी ◆संभाजी राव हाई स्कूल,मुरार ग्वालियर में काफी समय तक अध्यापन का कार्य ◆ पता-शोभा शर्मा w/o श्री मधुसूदन गोस्वामी, नीलकंठनगर, जवाहर रोड, पुराना पन्ना नाका, छतरपुर.म.प्र [email protected], https://www.facebook.com/shobha.sharma.547,1960.shobha on insta.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    shukrana Karu
    15 फ़रवरी 2019
    बहुत बढ़िया कहानी ,पूरा सच,हम खुद को ठगा हुआ ही पाते हैं,अपना अस्तित्व ही नहीं ढूंढ पाते, पहले भी हम ही समझोता करते रहे,आज भी हम ही सब सहन करते हैं ताकि घर में बाकी सब सदस्य खुश रहें
  • author
    Abha Raizada
    20 अक्टूबर 2020
    behad sarthak rachna hai, humari peedlhi ko lagta hai ki hum thage gaye lekin hamare parents bhi shayad inhi paristhiyon se guzre honge..ye such ki nai generation apne partner ke hisab se khud Ko parivartit aasani se kar leti hai,hamare samay mein yadi purush apne Saathi ke anusaar badalna bhi chahta tha toh ghar mein bhuchal aa jata tha 😛 lekin aaj ke samay mein jab hum apne bachchon mein parivartan dekhte hain toh accha lagta hai..aur ye peedhiyon ka fasla hai isko issi prakar chalna hoga,hum khushi se sweekar karenge to jeevaan sukhad hoga🙏🙏ye mere apne vichar hain..🙏
  • author
    Upasana Agarwal
    29 सितम्बर 2020
    bilkul sahi hum privar pati aur bachcho je liye badal gye but sach ye hi hai ki hamare liye koi nhi badla. aajkal ke bachche apne life partner ke liye khud ko badal dete h per ma ko vo for granted hi lete h uski unko koi value nhi hoti
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    shukrana Karu
    15 फ़रवरी 2019
    बहुत बढ़िया कहानी ,पूरा सच,हम खुद को ठगा हुआ ही पाते हैं,अपना अस्तित्व ही नहीं ढूंढ पाते, पहले भी हम ही समझोता करते रहे,आज भी हम ही सब सहन करते हैं ताकि घर में बाकी सब सदस्य खुश रहें
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    Abha Raizada
    20 अक्टूबर 2020
    behad sarthak rachna hai, humari peedlhi ko lagta hai ki hum thage gaye lekin hamare parents bhi shayad inhi paristhiyon se guzre honge..ye such ki nai generation apne partner ke hisab se khud Ko parivartit aasani se kar leti hai,hamare samay mein yadi purush apne Saathi ke anusaar badalna bhi chahta tha toh ghar mein bhuchal aa jata tha 😛 lekin aaj ke samay mein jab hum apne bachchon mein parivartan dekhte hain toh accha lagta hai..aur ye peedhiyon ka fasla hai isko issi prakar chalna hoga,hum khushi se sweekar karenge to jeevaan sukhad hoga🙏🙏ye mere apne vichar hain..🙏
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    Upasana Agarwal
    29 सितम्बर 2020
    bilkul sahi hum privar pati aur bachcho je liye badal gye but sach ye hi hai ki hamare liye koi nhi badla. aajkal ke bachche apne life partner ke liye khud ko badal dete h per ma ko vo for granted hi lete h uski unko koi value nhi hoti