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अलख निरंजन (ढोंगी का भंडाफोड़)-अलख निरंजन (ढोंगी का भंडाफोड़)

4.6
15133

एक ऐसी कहानी जो टिकी है झूठ पर, अंधे विश्वास पर, और कोशिश है इसके माध्यम से अन्धविश्वास के खिलाफ एक जागरुकता जगाने की

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अलख निरंजन (ढोंगी का भंडाफोड़)-अलख निरंजन 2.2
अलख निरंजन (ढोंगी का भंडाफोड़)-अलख निरंजन 2.2
कमल बंसल "Kamal Kant Agarwal राज़"
4.2
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लेखक के बारे में
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कमल बंसल

अपने बारे मे क्या लिखूँ , स्वयं के बारे में तटस्थ होकर लिखना कभी आसान नहीं होता तो प्रश्न वही आता है कि आखिर क्या लिखूँ। ना तो कोई दरिया हूँ जो किसी सुदूर पहाड के आंचल से निकलकर न जाने कितने लोगो को अपना बनाता है। ना कोई ऐसा पुष्प जो अपनी सुगंध से सबको आकर्षित कर सके। ना वो बादलों की श्यामलता ही हूँ जो दहकती गर्मी मे शीतलता दे दे न ही किसी पुरवाई की उन्मत्त बहती सरगोशियों की उम्मीद हूँ । ना कोई ऐसा लेखक ही हूं , जो कर देता है मंत्रमुग्ध अपनी लेखनी से, कि भूल जायें,सूध बुध अपनी , रचना को पूरी पढ़ने के लिये सच कहुँ तो प्रतिलिपि से ही कुछ लिखने का मन में संकल्प जागा, पहली बार रचना को समर्पित इतने लोगों का सन्सार यहां देखा , अच्छा लगा। अब तो बस कोशिश करता रह्ता हूं, अपनी अधपकी , बेस्वाद खिचड़ी यहां पोस्ट करते रहने की, और उसे भी बड़े प्रेम से आप लोगो के द्वारा गृहण करते देख अभिभूत हूं। बस शायद कुछ लोगो की याद हूँ, अपने लोगो की , जो भूलना नही चाहेंगे मुझे अपने प्रेम की खातिर। खैर जो भी हूँ,आपको प्रणाम करता हूँ और आपके स्नेह का आकांक्षी हूँ । कामर्स से पोस्ट ग्रेजुएट, नैनीताल का निवासी, आपके स्नेहिल सान्निध्य का आकांक्षी, शिक्षण कर्म से विद्यार्थियों के कदमो को सही रास्ता दिखाने का आकांक्षी, समय मिलने पर मानसिक कसरत के द्वारा कुछ स्वरचित प्रस्तूत करने को बेचैन कमलकांत अग्रवाल "राज" सम्पर्क - 9319681525 फेसबुक पर आप मिल सकते हैं इस पते पर https://www.facebook.com/smaaaile एवं https://www.facebook.com/kamalkiduniya आपका स्वागत है,कृपया उत्साह वर्धन करते रहियेगा।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Gaurav Neema
    17 नवम्बर 2018
    ऐसे ही ठगोरे बाबाओं के झांसे में मासूम लोग आ जाते है और असली बाबाओं को भी झूठा ही समझते हैं....
  • author
    Rajni Gupta
    21 दिसम्बर 2018
    👍👍🏼
  • author
    Mahesh Dwivedi
    25 नवम्बर 2018
    आज के हालात में कई बाबा जेल में है जिन्होंने अपनी चालाकी से अन्धविस्वासी लोगों का विश्वास लूटा है लेखक को कहानी के अगले हिस्से को आगे इन लोगों की पोल खोलना चाहिए
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    Gaurav Neema
    17 नवम्बर 2018
    ऐसे ही ठगोरे बाबाओं के झांसे में मासूम लोग आ जाते है और असली बाबाओं को भी झूठा ही समझते हैं....
  • author
    Rajni Gupta
    21 दिसम्बर 2018
    👍👍🏼
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    Mahesh Dwivedi
    25 नवम्बर 2018
    आज के हालात में कई बाबा जेल में है जिन्होंने अपनी चालाकी से अन्धविस्वासी लोगों का विश्वास लूटा है लेखक को कहानी के अगले हिस्से को आगे इन लोगों की पोल खोलना चाहिए