ललित तेज तेज कदमो से लगभग दौड़ता हुआ सा चला जा रहा था । आज घर लौटने में रात के 11 बज गये थे।ललित एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था । वो रोज 9 बजे तक घर वापस आ ही जाता था लेकिन आज उसे ऑफिस में काम ...
मै कोई लेखिका नही हूँ बस अपने मन के एहसासों को , विचारों को अभव्यक्ति के माध्यम से शब्दों में व्यक्त करने की कोशिश करती हूँ । दिल-ए-ख्वाहिश बस इतनी सी है कि मेरी हर छोटी सी कोशिश हर चेहरे को एक मुस्कान दे जाय। मेरी कविता या कहानी मेरी स्वरचित है।
सारांश
मै कोई लेखिका नही हूँ बस अपने मन के एहसासों को , विचारों को अभव्यक्ति के माध्यम से शब्दों में व्यक्त करने की कोशिश करती हूँ । दिल-ए-ख्वाहिश बस इतनी सी है कि मेरी हर छोटी सी कोशिश हर चेहरे को एक मुस्कान दे जाय। मेरी कविता या कहानी मेरी स्वरचित है।
रिपोर्ट की समस्या
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