मायाश्री ने इंद्रजीत को बंदी बना लिया था। वह दिन में उसे तोते के रूप में रखती और रात में उसे पुन: मानव बनाती। इंद्रजीत इस बलात उपभोग से तनिक भी प्रसन्न नहीं था। दो महीने ऐसे ही बीत गए। मायाश्री धीमे धीमे उसके साथ कोमल होती जा रही थी। वह उससे हर तरह की बातें करती। उससे बात करने पर ही उसे को पता चला कि उसका बचपन से कोई दोस्त नहीं था, इसलिए वह दिल खोलकर उससे बात करती थी। किन्तु संजय को यहाँ ऐसे बंदी रहना अच्छा नहीं लगता था, वह यहाँ से छूटने के लिए तड़फड़ा रहा था। एक दिन मायाश्री उसके पास आई। उसके ...
रिपोर्ट की समस्या
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