<p>साधक उम्मेदसिंह बैद के पास अत्यंत गूढ विषयों को भी बहुत ही सरल एवम रोचक तरीके से कहने की अद्वितीय क्षमता है।</p>
<div>'धोती शतक' उनकी इस क्षमता का साक्षात प्रमाण है, इस शतक की ...
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धोती शतक-बदल सकता है स्वभाव
उम्मेदसिंह बैद "साधक"
बाबूजी के साथ आर्थिक मोर्चे पर असहमतियां इस साधक के मन-तन को तोड़ गई। अर्थोपार्जन के लिये नित्य प्रातः योगासन सिखाने और दो मित्रों की योग-चिकित्सा हेतु साईकिल पर जाता; इस क्रम में खाली पेट 22 किलोमीटर ...
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इस धोती की जैसा मैं भी रंग गया हूं। निज स्वभाव के घेरे में ही बन्द हुआ हूं॥
अच्छा भले न समझूं, पर अब क्या बदलूंगा। यही सोच के चुप हूं, अब कुछ ना बदलेगा
क्या बात कही है साधक जी, इते आसान शब्द और इतने गूढ़ अर्थ...
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इस धोती की जैसा मैं भी रंग गया हूं। निज स्वभाव के घेरे में ही बन्द हुआ हूं॥
अच्छा भले न समझूं, पर अब क्या बदलूंगा। यही सोच के चुप हूं, अब कुछ ना बदलेगा
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