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जिद़गी

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कुछ गुजरी, कुछ गुजार दी, कुछ निखरी, कुछ निखार दी, कुछ बिगड़ी, कुछ बिगाड़ दी, कुछ अपनी रही, कुछ दूसरों पर वार दी, कुछ इश्क़ में डूबी, कुछ इश्क़ ने तार दी, कुछ दोस्तों ने संवारी, कुछ दुश्मन ने ...

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लेखक के बारे में
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Shikh@ Gupt@

De@r~Zind@gi... ❣️💞

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    Neha Sharma
    19 ആഗസ്റ്റ്‌ 2019
    श्रेष्ठ अभिव्यक्ति। शुभकामनाएं कृपया मेरी रचना मन बावरा भी पढे।
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    Neha Sharma
    19 ആഗസ്റ്റ്‌ 2019
    श्रेष्ठ अभिव्यक्ति। शुभकामनाएं कृपया मेरी रचना मन बावरा भी पढे।