pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

ज़िंदगी यूँ ही चलती रहे

4.5
4437

मिहिरा की ज़िंदगी का ये सबसे बेहतरीन समय है, जहाँ प्यार है, परिवार है, जॉब है, सब है, और क्या चाहिए ???? काश "ज़िंदगी अब यूँ ही चलती रहे !!!"

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
रुचिका मेहता

दिमाग को भरा रखने के लिए "पढ़ना" और खाली करते रहने के लिए "लिखना", जरुरी लगता है मुझे !!!

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अभिलाष दत्ता
    20 सितम्बर 2017
    अच्छी कहानी है । हिंदी कहानी लिखते वक़्त रोमन लिपि का कम इस्तेमाल किया करे , उसके जगह उसकी हिंदी अर्थ या उर्दू अर्थ इस्तेमाल करना ज्यादा वाजिब होगा ।
  • author
    Pooja Gothwal
    31 मार्च 2020
    Acchi khani h.... Magar Bhut Kam hota h jab life m sacha pyar milta h
  • author
    Reeta Raj
    22 फ़रवरी 2018
    खुबसुरत साथ हो तो और कुछ नहीं चाहिए बस जिंदगी यूहीं चलती रहे....
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अभिलाष दत्ता
    20 सितम्बर 2017
    अच्छी कहानी है । हिंदी कहानी लिखते वक़्त रोमन लिपि का कम इस्तेमाल किया करे , उसके जगह उसकी हिंदी अर्थ या उर्दू अर्थ इस्तेमाल करना ज्यादा वाजिब होगा ।
  • author
    Pooja Gothwal
    31 मार्च 2020
    Acchi khani h.... Magar Bhut Kam hota h jab life m sacha pyar milta h
  • author
    Reeta Raj
    22 फ़रवरी 2018
    खुबसुरत साथ हो तो और कुछ नहीं चाहिए बस जिंदगी यूहीं चलती रहे....