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तुम्हारी दोस्त

4.2
3022

भूल हुए से होते हैं कुछ रिश्ते, पर याद भी आज की तरह होते हैं

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लेखक के बारे में
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लता शर्मा

तुम आए जिंदगी में, जिंदगी फूलों सी हो गई, हर पल महकी महकी सी रहूं, मैं जैसे कोई इत्र हो गई.. मिले हो तुम जबसे दिल कहे, हां, सखी तुझे भी मुहब्बत हो गई..😘 ©सखी

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rajeev Saxena
    17 সেপ্টেম্বর 2020
    प्यार की कशमकश में भटकता स्त्री पुरुष का संबंध मंजिल पाने को बेताब, चिंतनीय है। कहानी पाठकों को अंत तक जोड़ने में कामयाब रही है सुंदर लेखन के लिए आभार। कृपया मेरी रचना पर भी समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
  • author
    Lalita Vimee "विम्मी,"
    17 জানুয়ারী 2020
    बहुत उम्दा तरीके से इस खत में भावनाऐं सजा दी गई।।अन्दर तक छू गई ये खतनूमा कहानी।। आपसे अनुरोध है मेरी कहानी "यादें" पर नजर डालियेगा।।
  • author
    युगला "Mani"
    08 ফেব্রুয়ারি 2018
    स्त्री और पुरुष के रिश्तों को समझना बहुत मुश्किल है . इन रिश्तों को दुनियावी नियमों से नहीं समझा जा सकता .इनका अपना अलग कायदा है .
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    Rajeev Saxena
    17 সেপ্টেম্বর 2020
    प्यार की कशमकश में भटकता स्त्री पुरुष का संबंध मंजिल पाने को बेताब, चिंतनीय है। कहानी पाठकों को अंत तक जोड़ने में कामयाब रही है सुंदर लेखन के लिए आभार। कृपया मेरी रचना पर भी समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
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    Lalita Vimee "विम्मी,"
    17 জানুয়ারী 2020
    बहुत उम्दा तरीके से इस खत में भावनाऐं सजा दी गई।।अन्दर तक छू गई ये खतनूमा कहानी।। आपसे अनुरोध है मेरी कहानी "यादें" पर नजर डालियेगा।।
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    युगला "Mani"
    08 ফেব্রুয়ারি 2018
    स्त्री और पुरुष के रिश्तों को समझना बहुत मुश्किल है . इन रिश्तों को दुनियावी नियमों से नहीं समझा जा सकता .इनका अपना अलग कायदा है .