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रातभर यादों में तुम थे..

4.4
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रातभर यादों में तुम थे.. रातभर यादों में तुम थे.. नींद में ख्वाबों में तुम थे.. रात भर यादों में तुम थे.. नींद में, ख्वाबों में तुम थे.. करवटें ही करवटें..थीं.. करवटें ही करवटें... मेरी उन आहों में ...

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समीक्षा
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  • author
    18 दिसम्बर 2018
    सुन्दर
  • author
    suchita bhagat
    24 अक्टूबर 2023
    अच्छी रचना
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    18 दिसम्बर 2018
    सुन्दर
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    suchita bhagat
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    अच्छी रचना