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योग: कर्मसु कौशलम्

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शीर्षक- योग: कर्मसु कौशलम्‌ योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसके अंतर्गत शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है अर्थात् योग के द्वारा एकाग्रचित्त होकर तन और मन को आत्मा से जोड़ते हैं। ...

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लेखक के बारे में
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मालती मिश्रा

तन मेरा एक कलम है साँसें स्याही हैं इसमें भावों के शब्द प्रस्फुटित होते तब जीवन साकार हूँ... कौन हूँ मैं? क्या हूँ? मेरी कोई पहचान नहीं आठ अरब के इस जहान में.. एक तुच्छ जीवन का आधार हूँ मैं अदना सी कलमकार हूँ। मालती मिश्रा 'मयंती'✍️ जन्म तिथि- 30-10-1975 शिक्षा- एम० ए० हिन्दी प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा- कानपुर, उत्तर प्रदेश निवास स्थान- दिल्ली संप्रति- अध्यापन रुचि- पठन व लेखन प्रकाशित पुस्तक- 'अन्तर्ध्वनि' (काव्य संग्रह), इंतजार 'अतीत के पन्नों से' (कहानी संग्रह), अधूरी कसमें (कहानी संग्रह), वो खाली बेंच (कहानी संग्रह) 'मैं ही सांझ और भोर हूं' (काव्य संग्रह) पेपर बैक और ई-बुक, नीली डायरी (ई-बुक), मयंती के उद्गार (काव्य संकलन) तथा ८ साझा संग्रह

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mrs Rinku Upadhyay
    22 जून 2022
    💯💯💯💯💝😍 sahi kaha aapne
  • author
    anshu saxena
    25 जुलाई 2022
    योग और स्वास्थ्य पर लिखा ये लेख सर्वोतम व अनुकरणीय है। बधाई। श्रीमद् भगवद्गीता के उस श्लोक का अर्थ मेरे अभिप्राय से यह है कि कुशलता से कर्म करने से जुड़े (योग) रहो।
  • author
    Brahmwati Sharma
    21 जून 2022
    बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन अभिव्यक्ति एवं भावनाये ज्ञान वर्धक लेख
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    Mrs Rinku Upadhyay
    22 जून 2022
    💯💯💯💯💝😍 sahi kaha aapne
  • author
    anshu saxena
    25 जुलाई 2022
    योग और स्वास्थ्य पर लिखा ये लेख सर्वोतम व अनुकरणीय है। बधाई। श्रीमद् भगवद्गीता के उस श्लोक का अर्थ मेरे अभिप्राय से यह है कि कुशलता से कर्म करने से जुड़े (योग) रहो।
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    Brahmwati Sharma
    21 जून 2022
    बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन अभिव्यक्ति एवं भावनाये ज्ञान वर्धक लेख