तन मेरा एक कलम है
साँसें स्याही हैं इसमें
भावों के शब्द प्रस्फुटित होते
तब जीवन साकार हूँ...
कौन हूँ मैं?
क्या हूँ?
मेरी कोई पहचान नहीं
आठ अरब के
इस जहान में..
एक तुच्छ जीवन का आधार हूँ
मैं अदना सी कलमकार हूँ।
मालती मिश्रा 'मयंती'✍️
जन्म तिथि- 30-10-1975
शिक्षा- एम० ए० हिन्दी
प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा- कानपुर, उत्तर प्रदेश
निवास स्थान- दिल्ली
संप्रति- अध्यापन
रुचि- पठन व लेखन
प्रकाशित पुस्तक- 'अन्तर्ध्वनि' (काव्य संग्रह), इंतजार 'अतीत के पन्नों से' (कहानी संग्रह), अधूरी कसमें (कहानी संग्रह), वो खाली बेंच (कहानी संग्रह) 'मैं ही सांझ और भोर हूं' (काव्य संग्रह) पेपर बैक और ई-बुक, नीली डायरी (ई-बुक), मयंती के उद्गार (काव्य संकलन) तथा ८ साझा संग्रह
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