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यह कैसा स्वाद

4.8
1031
लघुकथाकहानी प्रतियोगता 2019 के लिए

अमित और अविनाश गहरे मित्र हैं। दोनों किराये के एक ही कमरे में रहते हैं। पहले अविनाश मांस से दूर ही रखा था। लेकिन अमित ने एक दो बार उकसा कर इसका स्वाद क्या चखाया कि अब तो वह भी उसके साथ नियमित ...

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लेखक के बारे में
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Sanjay Gugharwal
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jaiveer Singh Poonia
    28 जुलाई 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है कि हम अपनी जीभ के स्वाद के लिए यह भूल जाते है कि इसे भी जीने का हक था
  • author
    Sapna sharma "kavya"
    10 अगस्त 2019
    bahut sahi baat hai
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    Jaiveer Singh Poonia
    28 जुलाई 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है कि हम अपनी जीभ के स्वाद के लिए यह भूल जाते है कि इसे भी जीने का हक था
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    Sapna sharma "kavya"
    10 अगस्त 2019
    bahut sahi baat hai