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*यह इश्क नहीं आसां*

4.1
31146

मिनाश आफिस में काम कर रही थी तभी उसकी बचपन की सहेली सोनाली का फोन आया कि समीर ने सुसाइड करने की कोशिश की है।वह हॉस्पिटल में एडमिट है मैं देखने जा रही हूं क्या तुम मेरे साथ चलोगी। मीनाश खबर सुनकर ...

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लेखक के बारे में
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डेजी Goswami

प्रिय पाठकों, मैं जिंदगी के हर रंग को अपने शब्दों में पिरोने का प्रयास करती हूं।मेरी लेखनी का आधार मेरा अनुभव ,मेरा संघर्ष है। सभी की जिंदगी में उनकी अनकही यादें होती हैं। जब उन्हें शब्द मिल जाए तो वह कहानी बन जाती है। मैंने भी जो महसूस किया जीवन में सहा और जाना उसे ही कहानी और कविता में ढाल दिया। मेरी कहानियों के पीछे जीवन कोई न कोई सच्चाई छिपी रहती है। मुझे खुशी है कि अधिकांश पाठक मेरी रचनाओं को पसन्द करते हैं। उनकी समीक्षा और प्रोत्साहन मेरे लिए अनमोल है। बाकी हेटर्स तो सबके जीवन में होते हैं।जो हमें कामयाब बनाने में बहुत हेल्प करते हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    रविन्द्र "रवि"
    01 मई 2019
    जिंदगी जब हक़ीक़त का सामना करवाती हैं ये प्यार व्यार सब बेकार हो जाता है।दीपिका बिल्कुल सही थी।मनीश भी सही थी।नाटकीय मोड़ ठीक ही है।कहानी तो कहानी ही होती है।उत्तम प्रयास।।
  • author
    anju sharma
    21 जून 2019
    कुछ तो लोग कहेंगे ।दो सफल प्रेम कहानियां
  • author
    Dr.Shyama Agarwal
    06 अक्टूबर 2021
    कहानी की नायिका का नाम स्थान में स्थान पर बदल दिया जा रहा है कहीं मीनाश कहीं मीनाक्ष तो कहीं मीनाक्षी लगता है लेखक भ्रमित है। यथार्थ से परे कहानी
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    रविन्द्र "रवि"
    01 मई 2019
    जिंदगी जब हक़ीक़त का सामना करवाती हैं ये प्यार व्यार सब बेकार हो जाता है।दीपिका बिल्कुल सही थी।मनीश भी सही थी।नाटकीय मोड़ ठीक ही है।कहानी तो कहानी ही होती है।उत्तम प्रयास।।
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    anju sharma
    21 जून 2019
    कुछ तो लोग कहेंगे ।दो सफल प्रेम कहानियां
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    Dr.Shyama Agarwal
    06 अक्टूबर 2021
    कहानी की नायिका का नाम स्थान में स्थान पर बदल दिया जा रहा है कहीं मीनाश कहीं मीनाक्ष तो कहीं मीनाक्षी लगता है लेखक भ्रमित है। यथार्थ से परे कहानी