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ये रिश्ते

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रिश्ते को कितना समझ पाते हैँ लोग, ये तो वक़्त का फेर हैँ । कभी अजनबी अपने बन जाते हैँ,रे तो कभी  अजनबी बन जाते हैँ अपने .... ...

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लेखक के बारे में
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Dr.Siya Varma (Priya )
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    jasbir arora
    14 मार्च 2025
    बहुत सुंदर प्रस्तुति 👌 मेरी भी रचनाओं पर अपने विचार सांझा अवश्य करें और फॉलो करें 🙏
  • author
    महारानी
    15 मार्च 2025
    बेहतरीन रचना का सृजन
  • author
    14 मार्च 2025
    सही कहा
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    jasbir arora
    14 मार्च 2025
    बहुत सुंदर प्रस्तुति 👌 मेरी भी रचनाओं पर अपने विचार सांझा अवश्य करें और फॉलो करें 🙏
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    महारानी
    15 मार्च 2025
    बेहतरीन रचना का सृजन
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    14 मार्च 2025
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