pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

*** ये दिल एक तितली का दिवाना था ***

4.5
419

ना कोई आहट था, ना कोई साया था! बस तेरी नजरों में, हर पल रहने का इरादा भी था! ना कोई जीने की तमन्नॉ थी, ना मरने का बहाना था! तुम इठलाती नदी की धारा थी, उसी में मुझे भी बह जाना था! क्युकी ये दिल तो एक ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

Name- Drx Nagesh Shambhunath Gupta Birth place : Vill- Ganapur, Post - Ajosi, Dist.-Jaunpur ,U.P. Education- B.pharma website- www.drxnageshgupta.wordpress.com [email protected] Address- jaunpur uttar pradesh

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sadhana
    13 जनवरी 2018
    ye dil ek titli ka diwana tha .....wow nice
  • author
    Deepak kashyap
    06 अप्रैल 2022
    राज दवे के सीने में एक चाहत भी पुराना था, तुमसे मिलना चाहत मेरा, केवल तुमको पाना था ।। एक कॉलेज का जमाना था जब दिल पगली पे दीवाना था।। आपकी रचना बहुत अच्छा है लिखते रहिए।।
  • author
    Manjit Singh
    09 अक्टूबर 2021
    इश्क की अद्भुत अवस्था, आभार
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sadhana
    13 जनवरी 2018
    ye dil ek titli ka diwana tha .....wow nice
  • author
    Deepak kashyap
    06 अप्रैल 2022
    राज दवे के सीने में एक चाहत भी पुराना था, तुमसे मिलना चाहत मेरा, केवल तुमको पाना था ।। एक कॉलेज का जमाना था जब दिल पगली पे दीवाना था।। आपकी रचना बहुत अच्छा है लिखते रहिए।।
  • author
    Manjit Singh
    09 अक्टूबर 2021
    इश्क की अद्भुत अवस्था, आभार